मुंगावली विधानसभा उपचुनाव के पहले बहादुरपुर में हुई सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मां जानकी मंदिर करीला को श्रीलंका में बने माता सीता के मंदिर से भी अच्छा बनाने की घोषणा की थी। साथ ही करीला में सभा कर जिलेवासियों को एलईडी पर करीला के विकास की कार्ययोजना भी दिखाई। इसके लिए 3.29 करोड़ रुपए करीला में सौदर्यकरण व विकास कार्यों और एक करोड़ रुपए सबरी मंदिर निर्माण के लिए स्वीकृत कर मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम को जिम्मेदारी सौंपी थी।
पर्यटन विकास निगम ने अप्रैल महीने में दोनों टेण्डर भी कर दिए थे, लेकिन आठ महीने का लंबा समय बीत जाने के बाद भी काम शुरू कराने पर ध्यान नहीं दिया। अब एक निर्माण एजेंसी ने निर्माण शुरू कराने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है और अपना 3.29 करोड़ रुपए का टेण्डर निरस्त कराने के लिए पर्यटन विकास निगम को पत्र भी लिख दिया है। इससे अब निर्माण शुरू होना संभव नजर नहीं आ रहा है। वहीं दूसरी निर्माण एजेंसी को एक करोड़ रुपए लागत का निर्माण करना है और उस कंपनी से भी काम शुरू नहीं कराया जा रहा है।
पहले बताया फॉरेस्ट का अडंगा, फिर चुनाव का दोनों टेण्डर स्वीकृत हो जाने के बावजूद भी पर्यटन विकास निगम ने निर्माण कार्य शुरू कराना तो दूर, निर्माण एजेंसियों से एग्रीमेंट भी नहीं कराया। पर्यटन विकास निगम के अधिकारी पहले तो निर्माण शुरू कराने के लिए करीला में वन विभाग का अडंगा बताते रहे और फिर विधानसभा चुनावों को काम शुरू न कराने का कारण बताया। जबकि मुख्यमंत्री ने टेण्डर प्रक्रिया के दौरान ही वन विभाग से चार हेक्टेयर जमीन करीला को दिला दी थी और एक हेक्टेयर जमीन वन विभाग करीला को पहले ही दे चुका था। इससे करीला मंदिर के पास पहाड़ी पर निर्माण के लिए पर्याप्त पांच हेक्टेयर जमीन थी। इसके बावजूद भी विभाग ने गंभीरता न दिखाते हुए निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया।
अप्रैल माह में दोनों टेण्डर हो गए थे। पहले फॉरेस्ट की कुछ समस्या थी, लेकिन बाद में बारिश और फिर चुनाव की वजह से काम शुरू नहीं हो सका। अब निर्माण कंपनी ने 3.29 करोड़ रुपए के टेण्डर को निरस्त कराने के लिए पत्र लिखा है, पत्र को हैड ऑफिस भेज दिया गया है और वहीं इस पर निर्णय होगा। यदि टेण्डर निरस्त हुआ तो फिर से टेण्डर प्रक्रिया होगी।
एमएस दंडौतिया, कार्यपालन यंत्री मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम