इससे मतदान करने पहुंचने वाले लोगों को मतदान केंद्रों पर बाहर धूप में ही खड़ा रहना पड़ा। मामला जिले के शाढ़ौरा कस्बे का है। मतदान केंद्र पर मौजूद नपा कर्मचारियों को शाम चार बजे शाढ़ौरा थाना प्रभारी राजेंद्रसिंह छारी ने हटाने लगे। इस पर नगर परिषद सीएमओ शिवराजसिंह और थाना प्रभारी के बीच कहासुनी हुई।
बाद में विवाद इतना बढ़ा कि शाम को चार बजे नपा कर्मचारी कस्बे के तीन मतदान केंद्रों से टेंट और कुर्सियां उठाकर ले गए और बिजली के खंभे पर चढ़कर मतदान केंद्र की बिजली के तार भी निकाल लिए। खास बात यह है कि इन तीनों मतदान केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र और पिंक बूथ बनाया गया था, लेकिन टेंट और कुर्सियां हटाकर ले जाने से केंद्रों पर छाया और बैठने की व्यवस्था भी नहीं बची। नतीजतन शाम चार बजे के बाद मतदान करने पहुंचने वाले मतदाताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सीएमओ बोले कर्मचारियों को भगाया तो हटा लिया सामान-
सीएमओ शिवराजसिंह का कहना है कि थाना प्रभारी ने वहां से ड्यूटीरत कर्मचारियों को भगाया और बहस की, तो इससे मतदान केंद्र से सामान हटवा लिया। इसके लिए सीएमओ ने थाना प्रभारी को जिम्मेदार बताया है। तो वहीं थाना प्रभारी राजेंद्रसिंह छारी का कहना है कि मतदान केंद्र पर भीड़ लगी थी, हटाया तो वह बोले कर्मचारी हैं, इस पर उन कर्मचारियों के परिचय पत्र मांगे तो कर्मचारी वहां से चले गए, हमारे बीच कोई विवाद नहीं हुआ है।
यहाँ संविदा कर्मचारी बना पोलिंग एजेंट तो तहसीलदार ने की कार्रवाई, सेवा समाप्त
अशोकनगर. संविदा कर्मचारी को मतदान के दौरान प्रत्याशी का पोलिंग एजेंट बनना मंहगा पड़ गया। लोगों ने शिकायत की तो तहसीलदार इसरार खान मौके पर पहुंचे और जांच की। इस पर सीएमओ ने संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त करते हुए कलेक्टर को सूचना भेज दी है।
सीएमओ शमशाद पठान ने बताया कि रामकुमार पुत्र अशोक शर्मा नगर पालिका में संविदा कर्मचारी है, जिसकी नपा ने वाचनालय में ड्यूटी लगाई है। रविवार को मतदान केंद्र क्रमांक 128 पर निर्दलीय प्रत्याशी का एजेंट बनकर भूमिका निभा रहा था, इससे उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर दी है और कार्रवाई की सूचना कलेक्टर को भेजी जा रही है।