मां जागेश्वरी मंदिर में चोला बदलने के साथ ही मां जागेश्वरी का स्वरूप भी बदल गया है। करीब 60 साल बाद अब मां जागेश्वरी फिर से अपने मूल स्वरूप में दर्शन दे रही हैं। बदले स्वरूप में पहली नवरात्र होने से यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आने का अनुमान है, ये भक्त इस बार मां जागेश्वरी के मूल प्राकट्य स्वरूप के दर्शन करेंगे।
चंदेरी के इस मंदिर में नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। पुजारी मनोजकुमार चौबे के मुताबिक मां का अद्भुत श्रृंगार किया गया है और प्रांगण भी सज गया है। यह मंदिर द्वापर युग का है और पुजारी के मुताबिक यहां पर मांं सती का मुख गिरा था। यहां मां सती का प्राकृतिक मुख बताया जा रहा है है। यही कारण है कि इस माता का प्रमुख मंदिर माना गया है। मां के प्राकृतिक मुख एवं 2251 रुद्रों के साथ यह शिव.शक्ति का आदि संगम केंद्र है।
मंदिर के पुजारी और भक्तों ने बताया कि सिंदूर के आवरण से मां की मुखाकृति ढ़ंक गई थी लेकिन चोला बदलने से मां का स्वरूप बदल गया है। अब मां जागेश्वरी फिर से अपने प्राकट्य मूल स्वरूप में दर्शन दे रही हैं। इस मंदिर के अलावा जिले के अन्य मंदिरों में भी नवरात्र के मौके पर विशेष तैयारियां की गईं हैं।