पत्रिका ने शहर में मच्छरों का आतंक मरीजों की संख्या बढ़ी, नहीं हो रहा दवाओं का छिडक़ाव शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस पर गंभीरता दिखाते हुए सीएमएचओ डॉ.जेआर त्रिवेदिया ने शहर के तारा सदन स्कूल पहुंचकर जांच की और बच्चों से चर्चा की। वहीं मलेरिया अधिकारी डॉ.दीपा गंगेले ने भी शहर में मगरदा क्षेत्र में डेंगू के संदिग्ध मरीज की जानकारी। साथ ही छात्रावास और दो स्कूलों में पहुंचकर भी निरीक्षण किया।
मलेरिया अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम शहर में लार्वा सर्वे कर रही है और जहां पर भी मच्छरों का लार्वा मिल रहा है, उसे नष्ट कराया जा रहा है। वहीं लोगों को भी सतर्कता बरतने की हिदायत दी जा रही है और घरों में पानी जमा न रखने की बात कही जा रही है।
जिले में डेंगू-मलेरिया अब ओवर कंट्रोल हो चुका है। हालत यह है कि अब तक जिलेभर में 15 डेंगू पॉजीटिव मरीज मिल चुके हैं तो रोजाना ही अस्पतालों में मलेरिया के एक हजार मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं पड़ौसी जिले गुना में भी डेंगू ओवर कंट्रोल हो चुका है। इसके बावजूद भी जिले की बात तो दूर, शहर में भी बीमारियों से बचाव के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जबकि शहर में ही करीब 10 मरीज डेंगू पॉजीटिव मिल चुके हैं।
शहरवासियों का कहना है कि नपा ने फॉगिंग मशीन चलवाई तो मच्छरों की समस्या से मुक्ति मिलने की उम्मीद थी, लेकिन फॉगिंग मशीन से ज्यादा लाभ नहीं मिला और समस्या जस की तस बनी हुई है। लेकिन न तो मच्छरों को नष्ट करने के लिए दवाओं के छिड़काव पर गंभीरता दिखाई जा रही है और न हीं नालों और नालियों में जमा गंदे पानी में दवाएं डाली जा रही हैं। इससे ज्यादातर घरों में लोग बीमार हैं।