वहीं रिलायंस पेट्रोल पंप पर भी दो दिन से डीजल-पेट्रोल नहीं मिल रहा है। पेट्रोल पंप संचालकों ने इसका कारण डीजल-पेट्रोल न होना बताया है। वहीं मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन से जुड़े लोगों के अनुसार पूरे मध्यप्रदेश में इस स्थिति के चलते करीब 850 पेट्रोप पंप समय पर तेल नहीं मिलने से बंद होने की स्थिति में आ सकते हैं।
: 24 पेट्रोल पंप हैं जिले में
: 1.20 लाख लीटर डीजल रोज बिकता है
: 50 हजार लीटर पेट्रोल रोज बिकता है
: 12 गाड़ी डीजल की रोज जरूरत
: 5 गाड़ी पेट्रोल की रोज जरूरत
डीलरों का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी घटने से डीजल कंपनियां 12 रुपए पेट्रोल पर और 14 रुपए डीजल पर घाटा लगना बता रही हैं। पेट्रोल पंपों की गाडिय़ां डिपो पर खड़ी हैं, यदि कहीं चार गाड़ी की जरूरत है तो एक गाड़ी ही मिल पा रही हैं। साथ ही पेट्रोल कंपनियों ने पेट्रोल पंपों का समय भी घटा दिया है।
डीलरों ने पैसा एडवांस जमा करा दिया, लेकिन माल नहीं मिल पा रहा है। पांच-छह दिन से माल नहीं मिल रहा है, इससे सभी जगह यही स्थिति बनी हुई है। जिन पेट्रोल पंपों पर पिछला स्टॉक है, सिर्फ वहीं पर डीजल-पेट्रोल मिल रहा है।
- अनुज अग्रवाल, पेट्रोल पंप संचालक
शासन ने एक्साइज ड्यूटी घटा दी, लेकिन डीजल पहले ही पैसा देकर खरीद चुके थे इससे डीलरों को घाटा हुआ। पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि उन्हें भी डीजल पर 25 रुपए व पेट्रोल पर 15 रुपए का घाटा हो रहा है। डीलरों को कंपनियों से समय पर डीजल-पेट्रोल न मिलने से पेट्रोल पंप ड्राई हो रहे हैं। अब कंपनियों ने रात 9 बजे तक पेट्रोल पंप संचालित करने का ऑर्डर निकाल दिया है।
- सितेंद्र जैन, पेट्रोल पंप संचालक मुंगावली
खेती का सीजन तो परेशान होते दिखे किसान
खरीफ फसलों के लिए खेतों को तैयार करने किसानों को डीजल की जरूरत है, लेकिन सोमवार को कई पेट्रोल पंपों पर डीजल नहीं मिला। इससे पेट्रोल पंपों से किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों ने कहा कि समय पर डीजल न मिलने से वह खेतों की तैयारी कैसे कर पाएंगे। यही स्थिति पेट्रोल की भी है, जहां दोपहिया व चार पहिया वाहन पेट्रोल लेने पहुंचे लेकिन पेट्रोल नहीं मिला तो वाहन चालक एक से दूसरे पेट्रोल पंप पर भटकते नजर आए।्र