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आईसीयू देख सांसद बोले 30 में से 3 चीजें भी नहीं, कोई आईसीयू देख गया तो मैं तो शर्म से मर जाऊंगा

locationअशोकनगरPublished: Jun 11, 2019 01:44:29 pm

Submitted by:

Arvind jain

जिला अस्पताल: हकीकत जानने पहुंचे सांसद, कहा मैं एक डॉक्टर हूं और यह मेरे गृह क्षेत्र की अस्पताल है।- ऑक्सीजन के नाम पर आईसीयू में मिला सिर्फ सिलेण्डर, पूरे अस्पताल में सिर्फ एक ही मॉनीटर और वेंटीलेटर कबाड़ रूम में।- डॉक्टरों के साथ बैठक कर जानी जरूरतें और एक माह में जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के दिए निर्देश।

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आईसीयू देख सांसद बोले 30 में से 3 चीजें भी नहीं, कोई आईसीयू देख गया तो मैं तो शर्म से मर जाऊंगा

अशोकनगर. जिले में पहली बार सांसद निरीक्षण करने सीधे जिला अस्पताल पहुंचे, आईसीयू वार्ड में सिर्फ एक मॉनीटर और ऑक्सीजन के लिए सिर्फ सिलेण्डर देखकर कहा कि इसे तो आईसीयू कोई कह ही नहीं सकता। आईसीयू में 30 चीजें होती हैं और यहां तो तीन भी नहीं है, यदि कोई देख गया कि यह सांसद के गृह क्षेत्र की अस्पताल का आईसीयू है तो मैं तो शर्म से डूबकर मर जाऊंगा। ऑक्सीजन सिलेण्डर तो सामान्य वार्ड वाला है, इसलिए इसे आईसीयू की तरह तैयार करें।


सोमवार को सांसद डॉ.केपी यादव ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और मरीजों से चर्चा कर उनका हाल जाना। वहीं आईसीयू वार्ड का निरीक्षण कर नाराजगी जताई और पूछा कि जब आईसीयू स्वीकृत है तो उसकी नॉम्र्स एंड कंडीशन के हिसाब से उसका सामान भी आया होगा और अब वह सामान कहां है। यह आईसीयू तो लगता ही नहीं।

 

 

साथ ही डॉक्टरों की संख्या और जरूरतों को भी जाना, वहीं पूछा कि कितने सर्जन हैं और हर महीने कितने ऑपरेशन होते हैं पता चला कि महीने में दो-तीन ही ऑपरेशन होते हैं, तो कहा कि जिला अस्पताल में सिर्फ इतने से ऑपरेशन, यदि जरूरत है तो प्राईवेट डॉक्टरों से चर्चा करें और उन्हें यहां लाएं। ताकि मरीजों को परेशान न होना पड़े।

 


सलाह: डॉक्टर अलग-अलग चैंबर में बैठें तो नहीं लगेगी भीड़-
साथ ही ओपीडी का निरीक्षण किया तो बड़ी संख्या में मरीजों की भीड़ लगी थी और सभी डॉक्टर एक ही जगह बैठकर इलाज कर रहे थे। इस पर सांसद ने डॉक्टरों की सलाह दी कि डॉक्टर अलग-अलग चैंबरों में बैठकर मरीज देखें, इससे एक ही जगह पर भीड़ नहीं लगेगी और मरीजों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।

शिकायत: पैसे मांगने की शिकायत पर डॉक्टर बोले निपटा देंगे-
लोगों ने पैसे मांगने की शिकायत की तो सांसद ने फोन लगवाकर रेडियोलॉजिस्ट डॉ.एसएस छारी को बुलवाया और पूछा कि पैसे क्यों मांगे जा रहे हैं। इस पर रेडियोलॉजिस्ट व पूर्व सिविल सर्जन डॉ.छारी ने कहा कि नहीं मेरे द्वारा कोई पैसे नहीं मांगे जाते, यदि मेरे जाने के बाद कोई पैसे मांगता है तो अपन उसको निपटा देंगे।


नाराजगी: प्राईवेट जांचों पर पूछें दिन में कितने एक्सरे करते हैं-
सांसद ने पूछा कि दिनभर में कितने एक्सरे होते हैं तो जबाव मिला 80-81 एक्सरे। इस पर सांसद ने नाराजगी जताई और कहा कि सिर्फ इतने से, प्राईवेट जगहों पर जाकर पूछें कि वह दिनभर में कितने एक्सरे करते हैं। यहीं एक्सरे हो जाएं तो मरीजों को परेशान न होना पड़े।

 

साथ ही डिजिटल एक्सरे मशीन चालू न होने का कारण पूछने पर टेक्नीशियन न होना बताया, तो सांसद ने कहा कि किसी कर्मचारी को प्राईवेट जगहों पर भेजकर प्रशिक्षण दिला दो, यदि कोई कर्मचारी सीख लेगा तो काम तो शुरु हो जाएगा नहीं तो मशीन रखी हुई ही खराब हो जाएगी।

 


जिला अस्पताल में सांसद ने यह भी कहा-
– व्यवस्थाएं सुधारना है, यदि नहीं सुधार पा रहे हो तो ट्रांसफर की व्यवस्था करवा लो। हम अन्य लोगों से काम करा लेंगे।
– डॉक्टर कम हैं और व्यवस्था बनाएं कि हम उन्हीं डॉक्टरों और पैरामेडीकल स्टाफ से किस तरह अच्छा काम ले सकते हैं।
– वाटर कूलर के बारे में पूछा तो पता चला एक है और तीन रिपेयर होने गए हैं। तो कहा कि जल्दी उठवाओं और यहां लगवाओ।
– हॉस्पिटल हो या कोई अन्य संस्था, सभी में टीमवर्क रहता है और मुझे भरोसा है कि सभी लोग टीम वर्क कर अच्छा काम करेंगे।

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