सेंटर की जानकारी नहीं, कहां करें तैयारी
टीचर्स ने अपनी नौकरी को जारी रखने के लिए एनआईओएस की वेबसाइट पर अपना पंजीयन करवाया और फीस भरकर प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद उन्हें स्टडी सेन्टर आवंटित किए गए। बस यहीं से आवेदकों की समस्याएं शुरू हो गईं। दिए गए स्टडी सेंटर कुछ दिन बाद ही साइट से हटा लिए गए। जिन्होंने अपने स्टडी सेंटर पहले नहीं निकाले, उन्हें अब अपने स्टरी सेंटर की जानकारी नहीं है ओर वे कक्षाएं अटेंड नहीं कर पा रहे हैं।
लंबी दूरी पर मिले सेंटर
इसके अलावा लोगों को स्टडी सेंटर भी बहुत अधिक दूरी पर मिले हैं। केन्द्र के आवंटन में महिलाओं का भी ध्यान नहीं रखा गया। कईयों की दूरी तो 40-50 किमी दूर तक है। ऐसे में अपनी समस्याओं को लेकर रविवार को कुछ लोगों ने सीएम शिवराजसिंह चौहान को ज्ञापन भी दिया है। जिसमें स्थानीय स्तर पर पर्याप्त संख्या में स्टडी सेंटर देने की मांग की है।
इनका कहना है-
यदि हमारा स्टडी सेन्टर बदला जाए हमारे हित मे होगा। स्कूल मे अध्यापन कराने के बाद जिला मुख्यालय से लगभग 60 किमी दूर मुंगावली में अपने व्यय पर जाना परेशानी भरा है। साथ ही केन्द्र प्रभारी का मोबाइल भी बंद रहता है जिससे कि जानकारी नहीं मिल रही है।
आशीष शर्मा, शिक्षक संस्कार विद्या निकेतन तूमैन।
मेरा पहले उर्वशी महा विद्यालय आवंटित हुआ था। आज दिनांक तक इस नाम की कोई संस्था का पता नहीं है। ऐसे कैसे केन्द्र बनाया है, इस केन्द्र के सभी शिक्षक परेशान हो रहे हैं। उन्हें दोबारा से केन्द्र आवंटित किया जाए ।
मेघा शर्मा, पालीवाल पब्लिक स्कूल अशोकनगर।
वर्जन :
ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें अपना स्टडी सेन्टर पता नहीं है, वे अपने शहरी मुख्यालय के किसी सेंटर पर जाकर स्टडी कर सकते हैं। ताकि उनकी उपस्थिति शार्ट न हो। दूर-दराज के आवंटित स्टडी सेन्टरों में कोई बदलाव नहीं होगा। जिसका जो केन्द्र आया है, उसे वहीं जाना होगा। उर्वशी महा विद्यालय नाम गलत हो गया था, यह उर्देश महाविद्यालय है। जो एसपीएस में है। इसका नाम चेंज करने की प्रक्रिया चल रही है, चेंज हो जाएगा।
महेश साहू, प्रभारी एनआईओएस अशोकनगर।