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825 रुपए में गैस, किसी ने बक्से में, किसी ने कबाड़ में रखा सिलेंडर

locationअशोकनगरPublished: Mar 05, 2021 12:40:37 am

Submitted by:

Bharat pandey

महंगी गैस बनी परेशानी: साढ़े 36 हजार कनेक्शन, 46 प्रतिशत ने ही कराई रिफलिंग जो दो माह में 8.82 प्रतिशत कम

825 रुपए में गैस, किसी ने बक्से में, किसी ने कबाड़ में रखा सिलेंडर

825 रुपए में गैस, किसी ने बक्से में, किसी ने कबाड़ में रखा सिलेंडर

अशोकनगर। लगातार महंगी होती गैस आमजन की परेशानी बन गई है, घरेलू गैस सिलेंडर महंगा हुआ तो लोग रिफलिंग नहीं करा रहे हैं। हालत यह है कि शहर की दोनों गैस एजेंसियों पर साढ़े 36 हजार गैस कनेक्शन हैं, लेकिन फरवरी माह में रीफिलिंग सिर्फ 46 फीसदी ने ही कराई। पिछले दो माह में शहर में गैस सिलेंडरों की रीफिलिंग में 8.82 फीसदी घट चुकी है।

शहर की दोनों गैस एजेसियों पर 36 हजार 500 गैस कनेक्शनों में से फरवरी माह में 16 हजार 794 सिलेंडर वितरित हुए। वहीं जनवरी माह में 19 हजार 132 सिलेंडर और दिसंबर माह में 20 हजार 16 गैस सिलेंडर वितरित हुए थे। यानी दिसंबर की तुलना में फरवरी में तीन हजार 222 परिवारों ने सिलेंडरों की रीफिलिंग ही नहीं कराई। कुल कनेक्शन में से दिसंबर माह में 54.83 फीसदी परिवारों ने ही सिलेंडरों की रीफिलिंगकराई थी, यानी दिसंबर की तुलना में फरवरी माह में शहर में रिफलिंग 9.08 फीसदी घट चुकी है। यदि गैस के दाम इसी तरह से बढ़ते रहे तो रीफिलिंग में और गिरावट होने का अनुमान है।

 

825 रुपए में गैस, किसी ने बक्से में, किसी ने कबाड़ में रखा सिलेंडर

उज्ज्वला: किसी ने बक्से में तो किसी ने कबाड़ में रखा सिलेंडर
चूल्हे पर लकड़ी व कंड़े जलने से होने वाले धुंआ से महिलाओं को मुक्ति दिलाने सरकार ने उज्जवला योजना शुरु कर गैस कनेक्शन व सिलेंडर दिए थे, लेकिन पत्रिका ने शहर के गोराघाट क्षेत्र में पड़ताल की तो पता चला कि किसी ने अपने गैस चूल्हे व सिलेंडर को बक्से में रख दिया है तो किसी ने कबाड़ में। वहीं कई घरों में गैस चूल्हा व सिलेंडर शोपीस बनकर रह गए हैं। साथ ही महिलाएं अब फिर से लकड़ी व कंड़ों को जलाकर मिट्टी के चूल्हों पर ही खाना बनाने मजबूर हैं। उनका कहना है कि मजदूरी करते हैं, जिससे सिलेंडर भरवाएं या फिर परिवार के पेट भरने की व्यवस्था करें।


मजबूरी: 150 परिवार ले रहे पांच किलो के सिलेंडर
तीन माह में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 225 रुपए बढ़ गई, इससे लोग अपने सिलेंडरों को नहीं भरवा रहे हैं। स्थिति यह है कि जो परिवार पहले बड़ा गैस सिलेंडर लेते थे, लेकिन अब शहर के 150 परिवार पांच-पांच किलो के सिलेंडर ही ले रहे हैं। उनका कहना है कि अब वह जैसे-तैसे पांच किलो के गैस सिलेंडर से ही काम चला रहे हैं, ताकि घर पर खाना बनाने का काम चल सके। हालांकि उनका कहना है कि अन्य काम वह स्टोव या फिर मिट्टी के चूल्हे पर करते हैं।

 

गैस महंगी होने से क्षेत्र में यह भी हालात
– कई घरों में गैस चूल्हे का उपयोग सिर्फ चाय बनाने के लिए ही किया जा रहा है और खाना वह मिट्टी के चूल्हे पर ही बना रहे हैं।
– मिट्टी के चूल्हे के लिए लकड़ी व कंड़ों की मांग बढ़ जाने से लकड़ी-कंडों की भी रेट बढ़ गई है, लेकिन मजबूरी में लोग खरीद रहे हैं।
– आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जो मजदूरी करके घर चला रहे हैं, वह सुबह-शाम क्षेत्र में लकडिय़ां व सूखा गोबर बीनने मजबूर हैं।

– तीन साल पहले सिलेंडर मिला था, तीन महीने से नहीं भरवाया। मजदूरी करते हैं और पैसे नहीं है, मिट्टी के चूल्हे पर खाना बना रहे हैं। -पार्वती बाई, रहवासी
-मंहगा हो जाने से दो माह से सिलेंडर नहीं भरवाया। अब लकड़ी व कंडे लेकर आते हैं और चूल्हे पर खाना बनाते हैं। कुसुम बाई, रहवासी
-गैस चूल्हा व सिलेंडर तो हैं, लेकिन भरवा नहीं पा रहे हैं। मजदूरी करके परिवार चलाते हैं, ऐसे में सिलेंडर कैसे भरवाएं। प्रेम बाई, रहवासी

शहर में गैस कनेक्शन और रीफलिंग पर एक नजर
जयबाबा गैस एजेंसी-
कुल कनेक्शन- 22105
दिसंबर रिफलिंग- 8 6 55
जनवरी रिफलिंग- 8 98 1
फरवरी रिफलिंग- 7132
डीसी गैस एजेंसी-
कुल कनेक्शन- 14395
दिसंबर रिफलिंग- 1136 1
जनवरी रिफलिंग- 10151
फरवरी रिफलिंग- 96 6 2
(जानकारी गैस एजेंसियों के मुताबिक।)

घरेलू गैस सिलेंडर के दामों पर एक नजर
तारीख कीमत
1 दिसंबर 66 4.50
15 दिसंबर 76 4.50
4 फरवरी 78 9.50
14 फरवरी 8 39.50
24 फरवरी 8 6 4.50
1 मार्च 8 8 9.50
(रेट गैस एजेंसी अनुसार।)

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