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रिफलिंग सेंटर से नास्ता दुकानों तक घरेलू गैस का उपयोग

locationअशोकनगरPublished: Dec 08, 2018 09:01:55 am

Submitted by:

Arvind jain

-खाद्य महकमा कार्रवाई से बनाकर रखता है दूरी-कमर्शियल का हो रहा न के बराबर उपयोग

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रिफलिंग सेंटर से नास्ता दुकानों तक घरेलू गैस का उपयोग


अशोकनगर. शहर में घरेलू गैस सिलेंडरों का कमर्शियल उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। गैस रिफलिंग सेंटरो से लेकर नास्ता की दुकानों पर घरेलू गैस का ही उपयोग किया जा रहा है। लेकिन खाद्य महकमा की नजर इस ओर नहीं है।
जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। आम लोग गैस के लिए इंतजार करते हैं वहीं इन सिलेंडरों का कमर्शियल उपयोग हो रहा है। शहर में कमर्शियल सिलेण्डरों का उपयोग लगभग न के बराबर ही किया जा रहा है।

शहर में लगभग आधा दर्जन से अधिक गैस रिफलिंग सेंटर संचालित है। लेकिन यहां सिर्फ घरेलू गैस का ही उपयोग छोटे सिलेंडर भरने में किया जाता है। प्रत्येक सेंटर पर प्रतिदिन दो से तीन सिलेण्डरों की खपत की जाती है। इसी तरह शहरभर में संचालित नास्ता सेंटरों पर भी इन्हीं घरेलू सिलेंडरों का ही उपयोग ही दुकानदार करते है।
लगातार हो रही इस खपत की वजह से आम लोगों को सिलेंडर उपलब्धता में देरी होती है। महज दुकानों पर ही नहीं मैरिज होम में होने वाले शादी समारोह में भी इन्हीं घरेलू सिलेंडरों का उपयोग किया जाता है। खाद्य महकमे द्वारा महीनों से भी कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि पूर्व में हुई कार्रवाईयों के दौरान घरेलू गैस सिलेण्डर जब्त भी किए गए।
लेकिन इसके बाद कार्रवाई ठण्डे बस्ते में ही डाल दी गई। जिसकी वजह से कार्रवाई का असर बहुत अधिक नहीं रहा। लगभग प्रत्येक दुकान पर ही इन घरेलू गैस सिलेण्डरों का ही उपयोग किया जा रहा है।

दाम में फर्क होने से नहीं करते कमर्शियल का उपयोग
दुकानों पर उपयोग हो रहे घरेलू गैस सिलेंडर के पीछे की एक वजह कमर्शियल गैस के दाम अधिक होना है। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम लगभग आधे हैं, जिसकी वजह से इसका उपयोग किया जाता है। कमर्शियल सिलेंडर की कीमत लगभग १५०० रुपए से अधिक है।
जिसमें १९ लीटर गैस भरी जाती है। वहीं १४ लीटर गैस का घरेलू गैस सिलेंडर महज ८३० रुपए में उपलब्ध हो जाता है। दामों के बीच के इसी फर्क की वजह से दुकानदार अनियमितता पूर्वक घरेलू गैस का उपयोग करते हैं।

५० फीसदी भी नहीं उठाए जाते कमर्शियल सिलेंडर
शहर में कमर्शियल गैस सिलेंडरों कनेक्शनों की संख्या लगभग एक सैंकड़ा है। इनमें से लगभग प्रतिमाह सात सौ से आठ सौ गैस सिलेंडर प्रतिमाह की खपत होनी चाहिए। लेकिन यहां महज २०० से ३०० के बीच ही सिलेंडर प्रतिमाह उठाए जाते हैं।
यहां ५० फीसदी भी सिलेंडर नहीं उठाए जा रहे है। जिसकी मुख्य वजह शादी समारोहों से लेकर गैस रिफलिंग और नास्ता दुकानों पर घरेलू गैस का उपयोग किया जाना है।


नईसराय हुई कार्रवाई, जिला मुख्यालय अभी भी अछूता
खाद्य एवं राजस्व विभाग ने तीन दिन पूर्व ही नईसराय में होटलों व नास्ता की दुकानों पर कार्रवाईकी। इस दौरान यहां से घरेलू गैस सिलेंडरों को जब्त करने की कार्रवाई की गई। लेकिन इस मामले में जिला मुख्यालय अभी भी अछूता बना हुआ है। जहां प्रतिदिन ही सैकड़ों सिलेंडरों की खपत की जा रही है। विभाग ने अभी तक यहां कोई कार्रवाई नहीं की है। जिससे इस अनियमितता पर लगाम लगाया जा सके।

-हमारे यहां ६० से ७० कमर्शियल गैस सिलेंडर कनेेक्शन है। लगभग ४०० सिलेंडर प्रतिमाह उठने चाहिए। लेकिन महज २०० से २५० से ज्यादा सिलेंडर नहीं उठते हैं। ५० फीसदी भी सिलेंडर नहीं उठ पाते हैं।
भगवान दास संचालक, डीसी गैस एजेंसी
-शहर में हम जल्द ही कार्रवाई करवाते हैं। अगर कहीं उपयोग हो रहा है तो वहां से सिलेंडर जब्त करेंगे।
एसएस चौहान खाद्य आपूर्ति अधिकारी, अशोकनगर

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