मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना के तहत पिछले वर्ष जिले के 32 गांवों को चिन्हित किया गया था। जिनमें से 17 गांवों में निर्माण कार्य तीन से चार महीने पहले शुरू भी हो चुके हैं। योजना के तहत इन गांव में पानी की बढ़ी टंकी का निर्माण होना है और गांव के पाइप लाइन बिछाई जाएगी और प्रत्येक घर मे नल कनेक्शन दिए जाएंगे।
साथ ही निर्माण तैयार पूर्ण होते ही घर-घर में रोजाना पेयजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। पीएचई विभाग के मुताबिक इन 17 गांव में 14 करोड़ 12 लाख 12 हजार रुपए की पेयजल योजनाओं के निर्माण का काम चल रहा है। साथ ही इन गांवों में प्रत्येक में तीन-तीन ट्यूबवेल पिछले साल ही खनन कराए जा चुके हैं। इससे सिर्फ टंकी तैयार होने का इंतजार है, टंकियां बनते ही लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा।
विभाग का दावा मार्च-अप्रेल तक करा लेंगे पूर्ण-
पीएचई विभाग के मुताबिक पेयजल योजनाओं के ज्यादातर निर्माण हो चुके हैं और इसी वर्ष गर्मी के मौसम में लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। ताकि कम से कम इन गांवों की समस्या तो खत्म की ही जा सके और लोगों को पेयजल के लिए भटकना न पड़े। विभाग के ईई का कहना है कि कई जगह पर मार्च महीने में काम पूर्ण हो जाएंगे और कई योजनाओं का काम अप्रेल महीने में पूर्ण हो जाएगा। इसके लिए निर्माण कंपनी को जल्दी ही कार्य पूर्ण कर योजनाओं से पानी सप्लाई शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं।
15 गांव में अगले वर्ष बनाई जाएंगी टंकियां-
योजना के तहत जिले के प्रत्येक विकासखंड के आठ-आठ गांव को चुना गया था। साथ ही स्वीकृत होते ही इन सभी 32 गांव में प्रत्येक में तीन-तीन ट्यूबवेल खनन पिछले ही साल किए जा चुके हैं और 17 गांव में टंकियां बनाने का काम चल रहा है और शेष 15 गांव में योजना के तहत अगले वित्तीय वर्ष में नल-जल योजनाओं का निर्माण किया जाएगा और उन गांव में एक साल के भीतर निर्माण पूर्ण कराया जाएगा।
निर्माणाधीन नलजल योजनाओं पर एक नजर-
रांवसर खालसा- 84.70 लाख रुपए
मोहरीराय- 69 लाख रुपए
शंकरपुर- 109.23 लाख रुपए
झीला- 91.23 लाख रुपए
बहेरिया रूपनगर- 94.04 लाख रुपए
कोहरवास- 116.82 लाख रुपए
ढाकोनी- 78.05 लाख रुपए
आकलोन- 76.68 लाख रुपए
मदऊखेड़ी- 66.77 लाख रुपए
काछीबरखेड़ा- 88.09 लाख रुपए
बरखेड़ाजमाल- 68.79 लाख रुपए
गोरा बहादुरा- 67.23 लाख रुपए
रामनगर- 94.20 लाख रुपए
सूरेल- 76.67 लाख रुपए
सीगोन- 77.39 लाख रुपए
नानोन – 99.90 लाख रुपए
नावनी- 53.33 लाख रुपए
लेकिन पुरानी योजनाए वर्षों से बंद-
पीएचई विभाग द्वारा नई पेयजल योजनाओं का तो काम किया जा रहा है, लेकिन पुरानी पेयजल योजनाएं ग्रामीणों के कोई काम नहीं आ रहीं। लाखों रुपए खर्च करके शासन ने पेयजल योजनाएं तैयार कीं, लेकिन हकीकतके इनसे ग्रामीणों को कुछ ही दिन पानी मिल सका और बंद हो गईं। जो बर्षों से बंद पड़ी हुई हैं, लेकिन इनपर कोई भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है। नतीजतन ग्रामीण पेयजल के लिए परेशान होते रहते हैं।
जिले के 17 गांव में नल-जल योजनाओं का निर्माण चल रहा है। जिन्हें मार्च और अप्रेल महीने में पूर्ण करा लिया जाएगा और पाइप लाइन के माध्यम से सीधे घरों पर पानी पहुंचाया जाएगा।
एसके जाटव, ईई पीएचई विभाग अशोकनगर