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रोज 100 प्राईवेट टैंकरों से बिक रहा पानी, 400 रु. में एक टैंकर व 3 रु. में मिल रहा एक ड्रम पानी

locationअशोकनगरPublished: Apr 21, 2019 01:14:34 pm

Submitted by:

Arvind jain

पेयजल समस्या: पानी के लिए परेशान शहर की 30 फीसदी आबादी, एक से दो किमी दूर से ढ़ो रहे पानी। – समस्या ऐसी कि लोगों को एक से ड़ेढ किमी दूर से ढ़ोकर लाना पड़ रहा है पीने का पानी, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के लिए गंभीर नहीं जिम्मेदार।

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रोज 100 प्राईवेट टैंकरों से बिक रहा पानी, 400 रु. में एक टैंकर व 3 रु. में मिल रहा एक ड्रम पानी

अशोकनगर. शहर में पेयजल की समस्या गंभीर हो चुकी है, करीब 30 फीसदी आबादी पानी के लिए परेशान है। हालत यह है कि करीब 100 प्राईवेट टैंकरों से शहर में रोज पानी बेचा जा रहा है। 400 रुपए में एक टैंकर और तीन रुपए में लोग एक ड्रम पानी खरीदकर घरों में पेयजल की व्यवस्था कर रहे हैं। फिर भी इस समस्या पर जिम्मेदार कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, नतीजतन घरों में पेयजल की व्यवस्था करने के लिए लोग पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं।


शहर की शंकर कॉलोनी के ज्यादातर हैण्डपंप सूख चुके हैं, जो चालू हैं उनमें भी बहुत कम पानी बचा है। नपा ने कॉलोनी में ट्यूबवेल खनन करवाकर पेयजल सप्लाई शुरू की, जहां ट्यूबवेल पर पेयजल सप्लाई के समय भारी संख्या में भीड़ लग जाती है और रोजाना ही कई लोग पानी भरने से वंचित रह जाते हैं। माता मंदिर रोड पर भी पानी के हालात ऐसे ही हैं, मुख्य सड़क पर लगे दोनों हैण्डपंप खराब हो चुके हैं और एक हैण्डपंप चालू है लेकिन पानी कम होने से बहुत कम पानी निकलता है।

नपा का ट्यूबवेल यहां से करीब डेढ़ किमी दूर है, इससे लोगों को पीने का पानी डेढ़ किमी दूर से ढ़ोकर लाना पड़ रहा है। यह सिर्फ दो या तीन मोहल्ला या कॉलोनियों की बात नहीं, बल्कि शहर के आसपास की बस्तियों की है। जहां लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इन बस्तियों तक न तो पाइप लाइन पहुंची है और नपा के हैण्डपंप भी दम तोडऩे लगे हैं। जबकि इन बस्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार और मजदूर वर्ग निवास करता है, इससे उन्हें या तो पानी खरीदकर व्यवस्था करना पड़ती है या फिर दिन में मजदूरी और घरों पर पानी की व्यवस्था करने रात में दूर-दूर से पानी ढ़ोकर लाते हैं।

 


अब पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं रहवासी-
हैण्डपंपों के दम तोडऩे और मोहल्लों में पेयजल की पाइप लाइन न होने से रहवासी भीषण गर्मी के मौसम में पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं। इससे लोग शहर में एक से डेढ़ किमी दूर से पानी ढ़ो रहे हैं और घरों पर पेयजल व्यवस्था के लिए महिलाओं के साथ बच्चे भी पानी ढ़ोने में जुटे रहते हैं। वहीं प्राईवेट टैंकर चालकों ने शहर में टैंकरों से पानी का कारोबार शुरू कर दिया है और रोजाना शहर में करीब 100 टैंकर से अधिक पानी बिक रहा है। इससे लोगों को तीन रुपए ड्रम में पानी खरीदकर घरों पर पेयजल की व्यवस्था करना पड़ रही है।

 


यहां पड़ौसियों के ट्यूबवेलों से खरीद रहे पानी-
शहर की त्रिलोकपुरी कॉलोनी में भी पेयजल के हालात खराब हैं, पेयजल की व्यवस्था न होने से रहवासियों को कॉलोनी के ही कुछ घरों पर लगे ट्यूबवेलों से पानी खरीदना पड़ रहा है। लंबे समय से जारी इस समस्या पर लोगों ने अब पाइप खरीदकर खुद ही अपने घरों तक लाइन बिछा ली है और उन्हें कॉलोनी के ट्यूबवेलों से जोड़ दिया है। इससे कॉलोनी में जगह-जगह पाइपों के जाल बिछे हुए हैं और लोगों को निजी ट्यूबवेल संचालकों को हर महीने पैसे चुकाना पड़ रहे हैं।

 

 

तीन दिन से बंद ट्यूबवेल, दूर से ढ़ो रहे पानी-
शहर के मंदसौर मिल में करीब 150 परिवार निवास करते हैं, उनके पेयजल के लिए नपा ने एक सरकारी ट्यूबवेल खनन कराया था। लेकिन कुछ लोगों ने अपनी नली लगाकर खुद के घरों तक पानी भरने की व्यवस्था कर ली थी और कॉलोनी के शेष लोग ट्यूबवेल पर पहुंचकर पानी भरते थे। लेकिन करीब चार दिन पहले किसी असामाजिक तत्वों ने लोगों की पानी की नली तो काटी हीं, ट्यूबवेल के बिजली के बोर्ड भी तोड़ दिए। इससे तीन दिन से ट्यूबवेल बंद है और रहवासी दूर-दूर से पानी ढ़ोने के लिए मजबूर हैं।

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