प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया
जिनमें तूमैन स्थित त्रिवेणी, अमाही तालाब से निकली नदी, भादोन गांव की नदी के अलावा हेमराज बरखेड़ा तालाब में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। कई झांकियों ने अपने चल समारोह रात में न निकालते हुए बुधवार सुबह 10 बजे से निकाले जो शाम 4 बजे तक चलता रहा। शहर में लगाई गई एक सैकड़ा से अधिक झांकियो का चल समारोह का शुभारंभ मंगलवार रात 12 बजे गांधी पार्क से हुआ जो पुराना बाजार, प्रोसेसन रोड, इन्द्रा पार्क से वापिस गांधी पार्क से एफओबी से पछाड़ीखेड़ा रोड होते हुए विसर्जन कुंड पर पहुंचीं जहां प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया यह सिलसिला रात भर चलता रहा।
आकर्षक प्रस्तुति दी गई
रातभर ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों की चहल पहल नगर मे बनी रही। झांकियां देखने हजारों लोग रातभर सड़कों पर घूमते रहे। इस दौरान झांकी समितियों द्वारा अपनी अपनी झाकियों को ट्राली में आकर्षक रूप से सजाया गया था तथा समिति के सदस्य आगे-आगे ढोल नगाड़ों पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। चल समारोह में श्रद्धालुओं ने मयूर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गई।
श्रद्धालुओं को रातभर चाय पानी पिलाया
लोगों ने चल समारोह के स्वागत के लिये जगह जगह स्टाल लगाए थे। किसी ने रातभर पोहा बांटा तो किसी ने श्रद्धालुओं को रातभर चाय पानी पिलाया। रजक महासमाज द्वारा इंदिरा पार्क पर स्टाल लगाकर चल समारोह में शामिल भक्तों को पोहे का वितरण किया तथा माता की आरती कर प्रसादी वितरण की। इस दौरान समाज के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार बुड़ेरिया, केवलराजा, महामंत्री अरविंद रजक, राज रजक, भैयालाल सहित अन्य समाजजन उपस्थित रहे।
डे्रस कोड में निकले समितियों के सदस्य
चल समारोह में कई समितियों के सदस्य डे्रस कोड में निकले। झांकियों में जिंद बाबा समिति की झांकी के चल समारोह में समिति सदस्य श्वेत वस्त्रों में तथा महिलाएं लाल वस्त्र पहनकर चल समारोह में शामिल हुई। इस दौरान लोगों ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर चल समारोह का स्वागत किया।
समिति संचालक महेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि रात के समय महिलाएं चल समारोह में शामिल नहीं हो पाती जिस कारण से उन्होंने दिन में चल समारोह निकालने की प्रथा प्रारंभ की है। जिससे महिलाओं को भी धार्मिक जुलूस में शामिल होने का मौका मिल सके।