ये है मामला…
बिजली कंपनी के जिस कारनामे पर अशोकनगर शहर के ठहाके लगा रहे हैं वो शहर की वेदांत गली का है जहां शैलेंद्र जैन का एक खाली मकान है। शुक्रवार को जब शैलेन्द्र जैन अपने वेदांत भवन स्थित खाली मकान पर पहुंचे तो उन्हें घर के गेट ताला सील किया हुआ मिला। ये देखकर शैलेन्द्र जैन हैरान रह गए। ताले को गौर से देखा तो सील बिजली कंपनी की लगी हुई थी और एक नोटिस भी चस्पा था। गेट पर चस्पा बिजली कंपनी के नोटिस में सुखलाल सिंह पुत्र प्रताप सिंह राजपूत का नाम लिखा हुआ था जिन पर एक लाख चार हजार 95 रुपए बिजली बिल बकाया होने की जानकारी दर्ज थी। शैलेंद्र जैन ने बताया कि जिन सुखलाल के नाम का नोटिस था वो दूसरे मकान में रहते हैं और बिजली कंपनी ने उनके मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया। उन्होंने ये भी बताया कि वो चार बार बिजली कंपनी के दफ्तर गए लेकिन वहां कोई अधिकारी ही नहीं मिला जिससे समस्या बता सकें।
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मकान की नीलामी की तैयारी, तारीख भी तय
खास बात यह है कि दूसरे व्यक्ति पर बकाया बिजली बिल की राशि पर बिजली कंपनी ने शैलेंद्र जैन के मकान को सील तो किया ही, साथ ही नीलामी की भी तैयारी कर ली। बिजली कंपनी ने मकान की सार्वजनिक नीलामी की तारीख भी तय कर ली है। नोटिस पर लिखा है कि 18 सितंबर तक बकाया राशि जमा न होने पर 25 सितंबर को दोपहर 12 बजे से सार्वजनिक नीलामी की जाएगी। जिसे पढ़कर शैलेंद्र जैन परेशान हो गए। वहीं इस मामले पर विद्युत वितरण कंपनी के एई प्रवीण तिर्की से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जहां सुखलालसिंह के नाम का मीटर था, उसी घर को सील कराया है और उसी पर नोटिस चस्पा किया गया है। शैलेंद्र जैन हमारे पास आए थे और उनका कहना है कि उन्होंने किसी से यह मकान खरीदा है और मकान खरीदते समय बिजली बिल पूर्ण भरा होने की बात कह रहे हैं। इससे जांच की जाएगी।
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