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12 क्विंटल वजन के 100 फिट ऊंचे निशान साहिब की स्थापना, दो घंटे तक जुटे रहे 500 लोग

locationअशोकनगरPublished: Apr 30, 2019 11:50:42 am

Submitted by:

Arvind jain

गुरुद्वारे में 50 साल बाद बदले गए निशान साहिब, समाज के श्रद्धालुओं में ऐसा उत्साह कि तेज धूप में दो घंटे तक तपती धरती पर स्थापना में जुटे रहे श्रद्धालु।

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12 क्विंटल वजन के 100 फिट ऊंचे निशान साहिब की स्थापना, दो घंटे तक जुटे रहे 500 लोग

अशोकनगर. शहर के गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे में करीब 50 साल बाद निशान साहिब को बदला गया। पहले ऊंचाई 85 फिट थी, लेकिन अब बदलकर 100 फिट ऊंचे निशान साहिब की स्थापना की गई। समाज में ऐसा उत्साह दिखा कि भट्टी से तपते फर्स पर तेज धूप के बीच 500 लोग वाहेगुरू के जयघोष के साथ लगातार दो घंटे तक स्थापना के कार्यक्रम में जुटे रहे।


शिवपुरी से आए संत बाबा हाकमसिंह की अगुवानी में अमृतसर से लाए गए 12 क्विंटल वजन के नए निशान साहिब को स्थापित करने के लिए सुबह से ही गुरुद्वारे में समाज के महिला-पुरुषों की भीड़ जुट गई। सुबह पहले तो पाठ का आयोजन किया गया।

 

गुरुद्वारे में पहले तो पुराने निशान साहिब को निकाला गया और खोलने के साथ ही निशान साहिब के चार हिस्से हो गए। फिर 20 किलो दूध से नए निशान साहिब के स्नान कराए गए और फिर अरदास की गई। इसके बाद स्थापना हुई और करीब आधे मिनिट में नए निशान साहिब स्थापित हो गए। इस मौके हजारों की संख्या में समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।

तपती धरती पर पानी डालने में जुटे रहे सैंकड़ों लोग-
निशान साहिब की स्थापना के दौरान जहां महिलाएं तो वाहेगुरू का जाप करने में जुटी रहीं, तो वहीं पुरुष श्रद्धालु जयकारे लगाते रहे। भट्टी सी तपती फर्स पर नंगे पैर स्थापना के कार्यक्रम में जुटे लोगों को तपन से बचाने के लिए सैंकड़ों श्रद्धालु फर्स पर पानी डालकर ठंडा करने में जुटे रहे।


1958 में हुई थी गुरुद्वारे की स्थापना-
गुरुसिंह सभा के अध्यक्ष सुखविंदरसिंह के मुताबिक शहर में इस गुरुद्वारे की स्थापना 1958 में हुई थी और उसी समय निशान साहिब की स्थापना हुई थी। उनका कहना है कि करीब 50 साल बाद निशान साहिब को बदला गया है, इसका कारण उन्होंने पुराने निशान साहिब में जंग लगना बताया। इससे अब शहर के बाहर से ही गुरुद्वारे को देखा जा सकता है।

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