शुक्रवार को भारतीय किसान संघ ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन दिया। साथ ही मांग की कि बेची गई फसल का किसानों को भुगतान शीघ्र कराया जाए। वहीं कई किसानों को कुछ खरीदी केंद्रों ने समर्थन मूल्य से 800 रुपए क्विंटल कम रेट पर भुगतान किया था, इससे किसानों ने यह शेष 800 रुपए क्विंटल की बकाया राशि भी शीघ्र ही दिलाने की मांग की।
इसके अलावा गेहूं, चना, मसूर और सरसों की पंजीयनों की तारीख बढ़ाकर 30 मार्च कराने, बैंकों का ऋण अदा होने की स्थिति में तीन दिन में भूमि बंधक मुक्त का प्रमाण पत्र दिलाने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि पटवारियों ने फसल गलत दर्ज कर दी है, इससे किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा मंडी में फसलों की चोरी की वारदातें रुकवाने की भी मांग की। ज्ञापन देने वालों में किसान संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार रघुवंशी सहित कई किसान मौजूद थे।
बड़े आंदोलन की थी योजना, कलेक्टर के आश्वासन पर माने-
किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगरामसिंह यादव ने बताया कि सारसखेड़ी, महुअन और कालाबाग सहित अन्य समितियों पर किसानों का करीब 50 लाख रुपए का भुगतान बकाया है। वहीं खरीदी के समय दी गई कच्ची पर्चियों को भी अब खरीदी केंद्र संचालक मानने से इंकार कर रहे हैं। किसानों ने जब फसल बेची है तो उसका भुगतान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को किसान जेल भरो आंदोलन करने की तैयारी में थे, लेकिन कलेक्टर के आश्वासन के बाद आंदोलन नहीं किया। उनका कहना है कि कलेक्टर ने खरीदी केंद्र संचालकों को भुगतान के लिए पांच दिन का समय दिया है और पांच दिन बाद जेल भेजने की हिदायत कलेक्टर ने दी है।