scriptकिसान संघ के धरने के बाद 70 लाख का हुआ भुगतान, 50 लाख रुपए का भुगतान अभी भी शेष | Farmers angry after not getting payment after 9 months | Patrika News

किसान संघ के धरने के बाद 70 लाख का हुआ भुगतान, 50 लाख रुपए का भुगतान अभी भी शेष

locationअशोकनगरPublished: Mar 02, 2019 01:23:38 pm

Submitted by:

Arvind jain

फसलों का भुगतान न होने पर किसानों ने जताई नाराजगी,खरीदी केंद्र संचालकों की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे जिले के किसान, साढ़े 9 माह बाद भी नहीं मिला किसानों को पैसा।

news

किसान संघ के धरने के बाद 70 लाख का हुआ भुगतान, 50 लाख रुपए का भुगतान अभी भी शेष

अशोकनगर. पिछले साल समर्थन मूल्य पर हुई चना-मसूर की खरीदी किसानों के लिए अभी भी परेशानी बनी हुई है। साढ़े 9 महीने बीत जाने के बावजूद भी करीब एक सैंकड़ा से अधिक किसानों को उनकी बेची गई फसल का अब तक भुगतान नहीं हुआ है। एक माह पहले किसान संघ ने मंडी में धरना प्रदर्शन किया था, प्रशासन ने सात दिन में भुगतान कराने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था और धरने के बाद किसानों को चना-मसूर का करीब 70 लाख रुपए का भुगतान तो हो गया, लेकिन 50 लाख रुपए का भुगतान अभी भी शेष है।


शुक्रवार को भारतीय किसान संघ ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन दिया। साथ ही मांग की कि बेची गई फसल का किसानों को भुगतान शीघ्र कराया जाए। वहीं कई किसानों को कुछ खरीदी केंद्रों ने समर्थन मूल्य से 800 रुपए क्विंटल कम रेट पर भुगतान किया था, इससे किसानों ने यह शेष 800 रुपए क्विंटल की बकाया राशि भी शीघ्र ही दिलाने की मांग की।

इसके अलावा गेहूं, चना, मसूर और सरसों की पंजीयनों की तारीख बढ़ाकर 30 मार्च कराने, बैंकों का ऋण अदा होने की स्थिति में तीन दिन में भूमि बंधक मुक्त का प्रमाण पत्र दिलाने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि पटवारियों ने फसल गलत दर्ज कर दी है, इससे किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा मंडी में फसलों की चोरी की वारदातें रुकवाने की भी मांग की। ज्ञापन देने वालों में किसान संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार रघुवंशी सहित कई किसान मौजूद थे।

बड़े आंदोलन की थी योजना, कलेक्टर के आश्वासन पर माने-
किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगरामसिंह यादव ने बताया कि सारसखेड़ी, महुअन और कालाबाग सहित अन्य समितियों पर किसानों का करीब 50 लाख रुपए का भुगतान बकाया है। वहीं खरीदी के समय दी गई कच्ची पर्चियों को भी अब खरीदी केंद्र संचालक मानने से इंकार कर रहे हैं। किसानों ने जब फसल बेची है तो उसका भुगतान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को किसान जेल भरो आंदोलन करने की तैयारी में थे, लेकिन कलेक्टर के आश्वासन के बाद आंदोलन नहीं किया। उनका कहना है कि कलेक्टर ने खरीदी केंद्र संचालकों को भुगतान के लिए पांच दिन का समय दिया है और पांच दिन बाद जेल भेजने की हिदायत कलेक्टर ने दी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो