किसानों का गुस्सा देखकर एसडीएम वाहन से उतरकर पैदल वहां से निकले। यह घटना शहर की सरकारी खाद गोदाम पर सोमवार सुबह घटी। गोदाम पर कई दिनों से किसानों को खाद का नगद वितरण बंद था. सोमवार को किसान सुबह से ही यहां एकत्रित हो गए. यहां आए किसानों को जब टोकन नहीं मिल पाए तो उन्होंने हंगामा करना शुरु कर दिया।
मौके पर तहसीलदार के वाहन में एसडीएम रवि मालवीय और कृषि विभाग के एसएडीओ मुकेश रघुवंशी बैठे हुए थे। किसानों ने वाहन को घेर लिया और वाहन में घूसे मारने लगे। एसएडीओ किसानों को समझाने के लिए उतरे तो किसानों ने उनके साथ झूमाझटकी कर दी, इससे तुरंत पुलिस ने पहुंचकर एसएडीओ को किसानों से बचाया।
इसी दौरान एसडीएम रवि मालवीय वाहन से उतरे और पैदल ही वहां से निकल गए। बाद में किसानों ने गोदाम पर पथराव भी कर दिया, इससे काफी देर तक खाद वितरण बंद रहा और बाद में पुलिस की मौजूदगी के बीच खाद वितरण शुरू कराया। दरअसल कुछ किसानों को टोकन बांटकर अधिकारी वापस जाने लगे थे जिससे किसान भड़क उठे.
गोदाम पर सोमवार को सुबह एसडीएम व एसएडीओ ने पहुंचकर किसानों को टोकन वितरित किए. गोदाम पर हजारों किसानों की भीड़ थी जहाँ अधिकारियों ने करीब डेढ़ हजार किसानों को टोकन बांटे और वापस जाने लगे। इससे टोकन से वंचित रह गए किसान भड़क गए और वापस जा रहे एसडीएम व एसएडीओ का वाहन रोककर हंगामा करने लगे। इस घटना में एक किसान घायल भी हुआ है.
किसानों का कहना है कि समय पर खाद न मिलने से वह फसलों की बोवनी नहीं कर पा रहे हैं और यदि खाद नहीं मिला तो उन्हें फिर से खेतों की सिचाई करना पड़ेगी। किसानों के इस हंगामे के दौरान एसडीएम ने वाहन से उतरकर और किसानों से ही बाहर जाने का रास्ता पूछा. किसानों ने एक संकरी गली में से रास्ता होना बताया तो एसडीएम उस गली में से पैदल ही निकल गए।
हालांकि पुलिस की सख्ती के बाद हंगामा रुक गया, लेकिन किसान खाद लेने के लिए रुके हुए हैं और अधिकारियों का कहना है कि जिनपर टोकन हैं, खाद सिर्फ उन्हीं को मिलेगा। इससे किसान असमंजस में हैं कि खाद मिलेगा या नहीं और इससे दोपहर बाद फिर हंगामे की आशंका बनी हुई है।
Must Read- रोमांच बढ़ा देता बाघों का आसपास टहलना, यहां दिखता है ये मंजर अधिकारियों के इन प्रयोगों से बिगड़े हालात-
– सीजन की शुरुआत में हीं किसानों को खाद कम दिया जाना शुरू कर दिया, इससे किसानों को लगा कि खाद की कमी है।
– बारिश होने के बाद किसानों की भीड़ बढ़ी तो प्रत्येक किसान को खाद की मात्रा घटा दी गई और टोकन सिस्टम शुरु कर दिया।
– टोकन सिस्टम शुरू होने से किसान पहले टोकन के लिए लाइन में और फिर पर्ची बनवाने लाइन में लगने लगे, इससे दिनभर भीड़ बनने लगी।
– गोदाम पर वितरण सेंटर बढ़ाने की वजाय गोदाम से किसानों को खाद वितरण बंद कर दिया और सहकारी समितियों से खाद वितरण शुरू कराया।
– ज्यादातर सहकारी समितियां डिफॉल्टर थीं, इससे सभी समितियों को खाद नहीं मिला और किसान भटकते रहे।
– खाद लेने किसान सहकारी समितियों के समिति प्रबंधकों को ढूंढने में जुटे रहे, लेकिन प्रबंधक नहीं मिले तो किसानों में नाराजगी बढ़ गई।
– किसानों का कहना है कि हर साल प्रशासनिक अधिकारी बदल जाते हैं और नए अधिकारी पुराने सिस्टम को बंद कर नया प्रयोग करने लगते हैं, नतीजतन समय पर खाद नहीं मिल पाता और भीड़ बढ़ जाती है।
– सीजन की शुरुआत में हीं किसानों को खाद कम दिया जाना शुरू कर दिया, इससे किसानों को लगा कि खाद की कमी है।
– बारिश होने के बाद किसानों की भीड़ बढ़ी तो प्रत्येक किसान को खाद की मात्रा घटा दी गई और टोकन सिस्टम शुरु कर दिया।
– टोकन सिस्टम शुरू होने से किसान पहले टोकन के लिए लाइन में और फिर पर्ची बनवाने लाइन में लगने लगे, इससे दिनभर भीड़ बनने लगी।
– गोदाम पर वितरण सेंटर बढ़ाने की वजाय गोदाम से किसानों को खाद वितरण बंद कर दिया और सहकारी समितियों से खाद वितरण शुरू कराया।
– ज्यादातर सहकारी समितियां डिफॉल्टर थीं, इससे सभी समितियों को खाद नहीं मिला और किसान भटकते रहे।
– खाद लेने किसान सहकारी समितियों के समिति प्रबंधकों को ढूंढने में जुटे रहे, लेकिन प्रबंधक नहीं मिले तो किसानों में नाराजगी बढ़ गई।
– किसानों का कहना है कि हर साल प्रशासनिक अधिकारी बदल जाते हैं और नए अधिकारी पुराने सिस्टम को बंद कर नया प्रयोग करने लगते हैं, नतीजतन समय पर खाद नहीं मिल पाता और भीड़ बढ़ जाती है।