मंडी में जहां एक दिन पहले ही अनाज से भरे ट्रैक्टर-ट्राली पहुंचना शुरू हो गए थे, तो वहीं सोमवार को आवक बढ़ गई। इससे सोमवार को दोपहर तक मंडी में दो हजार से अधिक वाहन पहुंच गए। नतीजतन मंडी में जिसे जहां भी जगह मिली, किसानों ने वहीं पर अनाज से भरे अपने ट्रैक्टर-ट्राली खड़े कर दिए। इससे मंडी परिसर पूरी तरह से जाम हो गया और लोगों को निकलने भी जगह नहीं बची। वहीं दोपहर बाद गेट बंद कर वाहनों को मंडी में घुसने से रोक दिया गया, जिन्हें रोकने गेट के अंदर तीन और बाहर छह पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई। इससे करीब दो सैंकड़ा से अधिक वाहन मंडी में प्रवेश नहीं कर सके और वह दिनभर गेट पर खड़े रहकर गेट खुलने का इंतजार करते रहे। वहीं फसल बिकने के बाद वाहनों को बाहर निकालने के लिए मंडी प्रबंधन को तीनों गेट खोलना पड़े। मंडी में अचानक बढ़ी आवक से सुबह से ही शहर की सड़कों पर जाम की समस्या बढ़ गई, वहीं वायपास पर चल रहे निर्माण ने इस समस्या को और बढ़ा दिया। जाम से निपटने के लिए वायपास रोड पर मंडी गेट के पास पुलिस जवान तैनात किए गए, तो वहीं ओवरब्रिज के पास के गेट पर भी सूबेदार अजयप्रतापसिंह को पुलिस जवानों के साथ खुद खड़ा रहना पड़ा। इसके अलावा कोलुआ रोड सहित शहर में भी विभिन्न जगहों पर पुलिस जवानों को तैनात किया गया।
नहीं बिका अनाज तो रात रुके 450 वाहन मंडी में सोमवार को 26 हजार क्विंटल गेहूं बिकने के लिए पहुंचा, लेकिन इसमें से करीब 14 हजार क्विंटल गेहूं ही सोमवार को बिक सका और नीलामी बोली का समय खत्म हो जाने से करीब 12 हजार क्विंटल गेहूं बिकने के लिए शेष रह गया। इससे गेहूं से भरे करीब साढ़े चार सौ वाहनों के साथ किसानों को मंडी में रात रुकना पड़ा। वहीं शाम को गेट खुलने के बाद गेटों के बाहर खड़े अन्य वाहन भी मंडी में पहुंचे, जिनका अनाज अब मंगलवार को बिकेगा। इससे किसानों को रातभर मंडी में रुकना पड़ेगा। जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ये रहीं मंडी में समस्याएं -सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक मंडी परिसर पूरी तरह से जाम रहा और निकलने में लोग परेशान हुए।
-लोगों को जगह नहीं मिली, तो मंडी में बनी पानी की टंकियों पर तिरपालें बिछाकर किसानों को बैठना पड़ा।
-चार प्याऊ चालू होने से पानी की तो व्यवस्था हो गई, लेकिन दिनभर पानी पीने के लिए किसानों की भीड़ लगी रही।
-टीनशेड़ों में जगह न बचने से किसानों ने मंडी में सड़क किनारे ही अनाज के वाहन रख लिए और धूप के बीच बैठे रहे।
-किसानों के वाहन मंडी में प्रवेश कर रहे थे और व्यापारियों के ट्रक बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे, इससे परिसर जाम हो गया।
-लोगों को जगह नहीं मिली, तो मंडी में बनी पानी की टंकियों पर तिरपालें बिछाकर किसानों को बैठना पड़ा।
-चार प्याऊ चालू होने से पानी की तो व्यवस्था हो गई, लेकिन दिनभर पानी पीने के लिए किसानों की भीड़ लगी रही।
-टीनशेड़ों में जगह न बचने से किसानों ने मंडी में सड़क किनारे ही अनाज के वाहन रख लिए और धूप के बीच बैठे रहे।
-किसानों के वाहन मंडी में प्रवेश कर रहे थे और व्यापारियों के ट्रक बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे, इससे परिसर जाम हो गया।