साथ ही सत्ता बदलने से किसानों ने अब प्रदेश की भाजपा सरकार पर ऋणमाफी का दबाव बनाना शुरू कर दिया और शासन से ऋणमाफी के दो-दो लाख रुपए जल्द किसानों के खातों में डालने की मांग की है।
भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, इसमें पिछले बकाया का भुगतान करने और ऋणमाफी के दो-दो लाख रुपए किसानों के खातों में भेजने की मांग की। साथ ही कलेक्टर दिए दूसरे ज्ञापन में किसानों ने नारायणपुर गन्ना फैक्टरी पर किसानों का आठ साल से बकाया 6 करोड़ रुपए भुगतान कराने की मांग की। वहीं गोशाला बनवाने, टिड्डी से नष्ट फसलों का मुआवजा और आंधी से उड़े टीनशेड व घर क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा दिलाने की मांग की। साथ ही बिजली की मनमानी कटौती व किसान सम्मान निधि की राशि हजारों किसानों को अब तक न मिलने की शिकायत की।
पत्रिका पड़ताल: मांगों पर एक नजर खरीदी: इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 78 71 किसानों ने तीन लाख क्विंटल चना और 5724 क्विंटल सरसों बेची। चना व सरसों का किसानों को 149.19 करोड़ भुगतान होना था, लेकिन अब तक चना का 28 .8 5 करोड़ और सरसों का 70 लाख भुगतान किया। 119.6 4 करोड़ रुपए भुगतान होना शेष है।
भावांतर: ढाई साल पहले शासन ने सोयाबीन पर 500 रुपए क्विंटल भावांतर की घोषणा की थी। योजना में जिले के 30 हजार किसानों ने 6 लाख क्विंटल सोयाबीन बेचा, योजना के 30 करोड़ रुपए का अब तक भुगतान नहीं हुआ। इसमें अकेले अशोकनगर मंडी में ही 18818 किसानों ने 4,15,214 क्विंटल सोयाबीन बेचा था, इसका 20.76 करोड़ बकाया है।
बोनस: पिछले वर्ष शासन ने सरकारी खरीद में गेहूं पर 180 रुपए व चना-मसूर और सरसों पर 100 रुपए क्विंटल बोनस की घोषणा की थी। पिछले वर्ष 8578 किसानों ने 8,12,873 क्विंटल गेहूं, 1730 किसानों ने 38,588 क्विंटल चना, मसूर व सरसों बेची थी। इसके 13.39 करोड़ रुपए बोनस का भी अब तक भुगतान नहीं मिला।