जहां पर लेखापाल कक्ष में अचानक आग लग गई। धुंआ उठता देखकर पहुंचे कर्मचारियों ने पानी डालकर आग तो बुझा दी, लेकिन तब तक खरीदी के कई पुराने बिल जल चुके थे और कुछ पुराना रिकॉर्ड भी जलने की बात कही जा रही है। खास बात यह है कि जिस जगह पर आग लगी, वहां पर रिटायर्ड कर्मचारियों के दस्तावेज और संकुल केंद्र होने से करीब 250 शिक्षकों की सेवा पुस्तिकाएं रखी हुई थी। वहीं तीन अन्य अलमारी भी रखी हुई थीं। यदि आग बुझने में देर हो जाती, तो अन्य रिकॉर्ड में भी आग लगने की आशंका थी। जिस जगह आग लगी, उससे सटकर ही मिडिल स्कूल के हैडमास्टर का कक्ष है, जिसमें भी रिकॉर्ड रखा हुआ है।
दूसरी बार लगी आग, जांच की मांग-
आग लगने का कारण पहले शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा था, लेकिन शॉट सर्किट की वहां स्थिति नहीं दिखी। इससे पहले 11 सिंतबर 2017 को भी इसी कक्ष में आग लग गई थी। इससे रिकॉर्ड को जलाने के षडय़ंत्र की आशंका बताई जा रही है और शिक्षकों ने मामले की जांच की मांग की है।
किसी ने षडय़ंत्र पूर्वक आग लगाई, यह जांच का विषय है कि इस तरह क्यों रिकॉर्ड जलाया जा रहा है। जहां महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे हैं, उसी जगह आग क्यों लग रही है। कर्मचारी संगठन का प्रतिनिधित्व करता हूं और मेरे भी दस्तावेज रखे हैं। आग की पुनरावृत्ति क्यों हो रही है, इसकी हम जांच करवाएंगे।
भोलाराम शर्मा, हैडमास्टर कन्या मिडिल स्कूल अशोकनगर
अचानक दोपहर के समय आग लग गई, धुंआ उठता देख कर्मचारियों ने पानी डालकर आग बुझाई। कुछ पुराने कागज जल गए हैं। जांच करवाएंगे कि आग कैसे लगी।
अभयकुमार जैन, प्रभारी प्राचार्य कन्या उमावि अशोकनगर