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कोयले से भरी मालगाड़ी में लगी आग

locationअशोकनगरPublished: Jun 04, 2018 12:41:24 pm

Submitted by:

Satish More

धुआं देख गैंगमेन ने दी सूचना, स्टेशन पर अलग किया डिब्बा, ओएचई लाइन बंद कर बुझाई आग
 

fire

Ashok Nagar Fire brigade fire brigade from coal bins at the station.

अशोकनगर/पिपरई. कोयले से भरी चलती मालगाड़ी में अचानक आग लग गई। पटरी पर काम कर रहे गैंगमेन ने धुआं उठता देख पिपरई स्टेशन को सूचना दी। इससे ट्रेन को रेहटवास स्टेशन पर रोककर डिब्बे को अलग करवाया और आग बुझाने फायर ब्रिगेड को भी बुला लिया। लेकिन रेलवे के नियमों से फायर ब्रिगेड को काम शुरू करने करीब 40 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। 40 मिनट बाद जब इलेक्ट्रिकल विभाग ने ओएचई लाइन बंद करने की अनुमति दी, तब फायर ब्रिगेड आग बुझा सकी। इससे मालगाड़ी साढ़े छह घंटे तक मुख्य ट्रैक पर ही रुकी रही और अन्य ट्रेनों को लूप लाइनों से निकाला गया।

मामला रविवार को सुबह साढ़े 10 बजे का है। गुना की तरफ जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी पिपरई स्टेशन से निकली तो ट्रेक पर काम कर रहे गैंगमेन ने पिपरई स्टेशन मास्टर को बीच के डिब्बे से धुंआ निकलने की सूचना दी। इससे मालगाड़ी को रेहटवास स्टेशन पर रुकवाया गया। साथ ही मालगाड़ी से उस डिब्बे को निकालकर अलग रखवाया गया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। 11:50 बजे अशोकनगर से मौके पर पहुंची, लेकिन डिब्बे के ऊपर से निकली बिजली की ओएचई लाइन से करंट की आशंका थी। इसके लिए पहले ओएचई लाइन को बंद करवाया गया और आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड को करीब आधा घंटा लगा। आग लगने का कारण रेलवे के अधिकारी गर्मी को बता रहे हैं।

गर्मी को बता रहे आग लगने का कारण
रेलवे के अधिकारी आग लगने का कारण गर्मी को बता रहे हैं। उनका कहना है कि कोयले में नीचे से लगी। यदि कोई ऊपर से फेंकता या स्पार्किंग से लगी होती तो आग कोयले में ऊपर लगती।
स्टेशनों पर रुकी रहीं यात्री ट्रेनें
आग की यह घटना उस समय की है, जब रूट पर कई यात्री ट्रेनें निकलती हैं। इससे यात्री ट्रेनें लंबे समय तक अन्य स्टेशनों पर रुकी रहीं। बीना-कोटा पैसेंजर करीब एक घंटे की देरी से आई। जो करीब 20 मिनिट तक मुंगावली और 20 मिनिट तक गुन्हेरू स्टेशन पर रुकी रही। वहीं दमोह-ग्वालियर पैसेंजर ट्रेन को भी आधा घंटे तक गुन्हेरूबामोरी स्टेशन पर रोका गया। जो देरी से अशोकनगर आ सकी। वहीं रेहटवास स्टेशन पर यह मालगाड़ी सुबह साढ़े10 बजे से शाम को पांच बजे तक मुख्य ट्रेक पर ही रुकी रही।

आग तेज होती तो हो जाता बड़ा हादसा
जानकारी मिलने पर जहां करीब सवा घंटे देरी से फायर ब्रिगेड अशोकनगर से रेहटवास स्टेशन पहुंची। ऐसे में ओएचई लाइन को बंद करने की अनुमति मिलने में भी अधिकारियों को करीब 40 मिनट का समय लगा। इससे साढ़े 12 बजे फायर ब्रिगेड आग बुझाना शुरू कर पाई। लोगों का कहना है कि यदि मालगाड़ी में आग तेज होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
गैंगमेन ने सूचना दी तो मालगाड़ी को रेहटवास रुकवाया गया। जहां पर आधा घंटे के लिए ओएचई लाइन को बंद कर फायर ब्रिगेड से आग बुझवाई गई। ट्रेन के 23वे नंबर के डिब्बे में धुआं निकल रहा था और पीछे 33 डिब्बे और थे। इससे चलती ट्रेन में आग फैलने का खतरा था। गैंगमेन की सजगता से जल्दी जानकारी मिल गई और आग पर काबू पा लिया। शाम पांच बजे ट्रेन को मुख्य लाइन से हटाया गया।
बीएल मीणा, परिवहन निरीक्षक रेलवे स्टेशन अशोकनगर

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