सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ से हुई तबाही
आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के शिष्य मुनिश्री प्रशांतसागर जी, मुनिश्री निर्वेगसागर जी और क्षुल्लकश्री देवानंदसागर जी शहर में चातुर्मास कर रहे हैं। सोमवार को सुबह धर्मसभा के दौरान मुनिश्री प्रशांतसागर जी ने महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ से हुई तबाही के बारे में जैन समाज को बताया और बाढ़ पीडि़तों की मदद का आह्वान किया।
कल भी सहयोग राशि एकत्रित की जाएगी
मुनिश्री के आह्वान पर समाज के लोग उन बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए बढ़-चढ़कर भागीदारी करते नजर आए और 10 मिनिट के भीतर ही धर्मसभा में पांच लाख रुपए से अधिक की राशि एकत्रित हो गई, कल भी सहयोग राशि एकत्रित की जाएगी और पीडि़तों की मदद के लिए भेजी जाएगी।
यज्ञ व अनुष्ठानों से बढ़कर है इन पीडि़तों की सहायता करना-
मुनिश्री ने कहा कि महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर में प्राकृतिक त्रासदी हुई है और जहां बाढ़ ने त्राहि-त्राहि मचाई हुई है। 80 गांव बाढ़ में पूरी तरह से डूब गए हैं और खेती सहित लोगों के मकान भी बाढ़ से गिर चुके हैं। हालत यह है कि वहां दो मुनिराज के संघ विराजमान थे, जिन्हें वहां से दूर जाकर रुकना पड़ा।
मुनिश्री ने कहा कि वहां पर धनहानि हुई है, खेत के खेत बह गए हैं। इसलिए वहां के बाढ़ पीडि़तों की सहायता करना आवश्यक है, मुनिश्री ने कहा कि कई यज्ञ व अनुष्ठानों से बढ़कर हैं ऐसे जरूरतमंद लोगों की सहायता करना। उन्होंने देशभर के जैन समाज से आह्वान किया कि ऐसे में आपका कर्तव्य क्या होता हैं वह करें।
मुनिश्री सुधासागरजी ने भी किया है जैन समाज से आह्वान-
राजस्थान के बिजौलिया पारसनाथ में चातुर्मास कर रहे मुनिपुंगवश्री सुधासागरजी महाराज ने अपने आधा घंटे के प्रवचन के दौरान बाढ़ पीडि़तों की मदद का आह्वान देशभर के जैन समाज से किया है। मुनिश्री सुधासागरजी महाराज के संदेश के साथ मुनिश्री प्रशांतसागरजी ने समाज से यह आह्वान किया है।