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चार पैसेंजर रद्द, फिर भी 90 किमी दूरी चार से पांच घंटे में तय कर पा रहीं ट्रेन

locationअशोकनगरPublished: Mar 17, 2019 09:58:39 am

Submitted by:

Arvind jain

नों की देरी ने बढ़ाई यात्रियों की समस्या,- यात्री बोले पांच महीने से रात के समय ट्रेनों की देरी ने बढ़ाई समस्या, रात दो बजे बीना पहुंची नागदा पैसेंजर।

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चार पैसेंजर रद्द, फिर भी 90 किमी दूरी चार से पांच घंटे में तय कर पा रहीं ट्रेन


अशोकनगर. ट्रेक पर पटरियां और स्लीपर बदलने का काम चलने से जहां दिन की चार पैसेंजर ट्रेन रद्द रहती है, फिर भी रात में चलने वाली ट्रेनों को स्टेशनों पर लंबे समय तक रोका जा रहा है। इससे रात में यह पैसेंजर ट्रेनें चार से पांच घंटे में 90 किमी की दूरी तय कर पा रही हैं। इससे यात्रियों में नाराजगी है और यात्रियों का कहना है कि रेलवे द्वारा मनमानी पूर्वक पैसेंजर ट्रेनों को लंबे समय तक रोककर यात्रियों को परेशान किया जा रहा है।
शाम को गुना-बीना पैसेंजर गुना से अपने निर्धारित समय पर 6:55 बजे चली। लेकिन ट्रेन 45 चलकर अशोकनगर स्टेशन पर रात 8:55 बजे आई और बीना स्टेशन पर रात को 11:46 बजे पहुंची। जबकि गुना से बीना की दूरी मात्र 118 किमी है। वहीं नागदा-बीना पैसेंजर रात को गुना से आठ बजे चली, जो अशोकनगर स्टेशन पर 10:54 बजे, मुंगावली स्टेशन पर रात 1:02 बजे और बीना स्टेशन पर रात को 2:02 बजे पहुंची। इस ट्रेन को 90 किमी की दूरी तय करने में पांच घंटे और 118 किमी दूरी तय कर बीना पहुंचने में छह घंटे लगे। यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं, बल्कि पांच महीने से ट्रेनें इसी तरह से चार से पांच घंटे में बीना तक पहुंच पा रही है।
ट्रेक पर बढ़ी मालगाडियों की संख्या-
बीना-गुना ट्रेक पर मालगाडिय़ों की संख्या बढऩे से ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या बढ़ी है। पहले कोयला से भरी मालगाडिय़ों को रेलवे दो इंजन लगाकर निकालता था, लेकिन पांच महीने से कोयले से भरी मालगाडिय़ों में सिंगल इंजन लगाए जा रहे हैं। इससे ट्रेन के बीना से निकलते ही पैसेंजर ट्रेनों को अशोकनगर या इसके पास की स्टेशन पर रोक दिया जाता है। इससे ट्रेनें लंबे समय तक खड़ी रहती हैं।
स्पीक आउट-
रात में पैसेंजर ट्रेनों को स्टेशनों पर लंबे समय तक रोक दिया जाता है। शाम को सात बजे ट्रेन में बैठने के बाद भी आधी रात को घर पहुंच पाते हैं। बीना जाने वाली कई यात्रियों की तो ट्रेनें निकल जाती हैं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विनोद नामदेव, यात्री
रोजाना ही आधी रात से पहले घर नहीं पहुंच पा रहा है, पहले ट्रेन आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है और फिर 45 किमी दूर जाने के लिए घंटों ट्रेनों में ही बैठा रहना पड़ता है। शिकायत पर भी रेलवे द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
ऋषि जैन, यात्री

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