उल्लेखनीय है कि सृजन गु्रप के सदस्यों द्वारा पुलवामा हमले के बाद मप्र के शहीद सैनिक अश्विनी कमार के परिवार की आर्थिक मदद के लिये प्रयास किए थे। जिसमें आमजन के सहयोग से उन्होंने राशि एकत्रित की थी तथा एक शाम शहीदों के नाम देशभक्ति कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था।
ग्रुप के सदस्यों ने गांव में जाकर परिजनों से चर्चा की तो पता चला शहीद अश्विनी अपनी जन्मभूमि ग्राम खुढावल से अकेले सैनिक नही हैं यहां से करीब 36 युवा सेना में है और करीब 4 सैनिक देश के लिए शहीद हो चुके हैं। कुछ तो रिटायर होकर गांव में वापिस आ गए हैं । जब भी गांव से कोई शहादत होती है यहां के युवाओं का जोश बढ़़ जाता है और सभी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होने चाहते हैं।
३६ वर्षीय अश्विनी अपने परिवार में इकलौते ऐसे सदस्य थे जो सरकारी नौकरी कर रहे थे बांकि उनके परिवार के सभी लोग मेहनत मजदूरी कर घर चलाने में मदद करते है। अश्विनी की मां स्वयं बीड़ी मजदूर है। अश्विनी की पहली पोस्टिंग २०१७ में श्रीनगर में हुई थी वह ३५ वीं बटालियन में तैनात थे उनकी शहादत के बाद से गांव में मातम जैसा सन्नाटा पसरा हुआ है।