scriptरोजाना दो घंटे अस्पताल में सेवा करने पर हाईकोर्ट ने दी व्यक्ति को जमानत | Granted bail to a person after serving in hospital for two hours | Patrika News

रोजाना दो घंटे अस्पताल में सेवा करने पर हाईकोर्ट ने दी व्यक्ति को जमानत

locationअशोकनगरPublished: Sep 19, 2019 11:45:39 am

Submitted by:

Arvind jain

हाईकोर्ट ने जमानत में रखी थी शर्त,जमानत अवधि में अस्पताल में देना पड़ेगी दो घंटे सेवा, पुलिस से मांगी रिपोर्ट

नंदानगर में हुई हत्या के आरोपियों की रिमांड अब हाईकोर्ट से लेने की कोशिश करेगी पुलिस

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अशोकनगर। हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को जमानत इस शर्त पर दी थी कि उसे जमानत अवधि के दौरान रोजाना दो घंटे अस्पताल में सेवा करना पड़ेगी। जब उस व्यक्ति ने आदेश पालन किए जाने और इस शर्त को हटाने के लिए आवेदन किया तो राज्य अधिवक्ता ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। इससे अब पुलिस यह जांच करेगी कि संबंधित ने अस्पताल में रोज दो घंटे सेवा दी या नहीं।

 

हाईकोर्ट ग्वालियर ने जमानत पर छोड़ा

मामला तीन साल पुराना है। 2015 में चंदेरी थाना क्षेत्र के मिट्ठूलाल को एक प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था। जिसे वर्ष 2016 में हाईकोर्ट ग्वालियर ने जमानत पर छोड़ा, लेकिन जमानत में शर्त रखी कि मिट्ठूलाल को रोज दो घंटे अस्पताल और शिक्षा विभाग में सेवा देना होगी। अब मिट्ठूलाल ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाया है कि उसने हाईकोर्ट के आदेशानुसार रोज दो घंटे अस्पताल व शिक्षा विभाग में सेवा दी और उसने अब इस शर्त को समाप्त करने की मांग की है।


अब पुलिस देगी इस मामले में रिपोर्ट-
मिट्ठूलाल ने जब हाईकोर्ट में आवेदन दिया तो राज्य अधिवक्ता ने पुलिस विभाग से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है। एसपी पंकज कुमावत ने बताया कि पुलिस विभाग अब यह जांच करेगी कि मिट्ठूलाल ने जमानत पर रहते हुए हाईकोर्ट की शर्त अनुसार रोज दो घंटे सेवाएं दी हैं या नहीं, साथ ही इसकी सत्यापन रिपोर्ट बनाकर राज्य अधिवक्ता को भेजी जाएगी।

 

सौ फलदार व छायादार पेड़ लगाए
इसके पहले 26 जून को ग्वालियर में नाबालिग का अपहरण करने तथा पॉक्सो एक्ट के मामले में आरोपी पप्पू उर्फ दयाराम को उच्च न्यायालय ने सौ फलदार व छायादार पेड़ लगाए जाने की शर्त पर जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए थे। आरोपी को यह पेड़ सडक़ के किनारों पर लगाना तथा पेड़ों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगाने थे। एक साल तक इन पेड़ों की उसे देखभाल भी करनी थी।


अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे
न्यायमूर्ति शील नागू ने आरोपी के आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा कि उसे 30 दिन में पेड़ लगाए जाने की रिपोर्ट उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी। लोक अभियोजक को न्यायालय ने निर्देश दिए कि वे पेड़ लगाए जाने की सत्यापन रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट में उन्हें बताना होगा कि आरोपी ने न्यायालय के आदेश का कितना पालन किया है। न्यायालय ने इसके साथ ही थाना प्रभारी नरवर को भी निर्देश दिए कि वे इसका निरीक्षण करेंगे और देखेंगे कि आरोपी आदेश का पालन कर रहा है या नहीं, इसके बाद वे अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

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