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guna passenger train : चार चक्कर लगाने वाली गुना पैंजसर की 90 फीसदी टोंटियां गायब, यात्री बोले 3 माह से यही हाल

locationअशोकनगरPublished: Aug 13, 2019 11:08:34 am

Submitted by:

Arvind jain

कैसी जिम्मेदारी: पैसेंजर ट्रेनों में पानी तो दूर की बात टोंटियां भी नहीं, फिर भी नहीं ध्यान।- अन्य पैसेंजर ट्रेनों में भी महीनों से गायब हैं ज्यादातर टोंटियां, गंदगी और बदबू से परेशान हो रहे यात्री।

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चार चक्कर लगाने वाली गुना पैंजसर की 90 फीसदी टोंटियां गायब, यात्री बोले 3 माह से यही हाल

अशोकनगर। जहां एक तरफ तो रेलवे स्वच्छता पर विशेष जोर दे रही हैं और यात्रियों की सुविधाओं के दावे कर रही है, वहीं रूट की ज्यादातर पैसेंजर bina-guna passenger ट्रेनों में पानी की बात तो दूर लंबे समय से टोंटियां Taps ही गायब हैं। नतीजतन गंदगी और बदबू की वजह से ज्यादातर यात्री तो इन ट्रेनों के टॉयलेट के गेट खोलने तक की हिम्मत नहीं करते, वहीं गेटों के पास लगे वॉशवेशन भी पूरी तरह से गंदगी से सराबोर रहते हैं। यात्रियों ने बताया कि करीब तीन माह से ट्रेनों के यही हाल हैं।


ट्रेनों में बिल्कुल भी पानी नहीं रहता
गुना से बीना के बीच रोजाना चार चक्कर लगाने वाली बीना-गुना-बीना पैसेेंजर की 90 फीसदी टोंटियां गायब हैं। हालत यह है कि गुना-बीना पैसेंजर में रेलवे ने दो नए कोच भी लगाए, लेकिन कुछ महीने में ही इन नए कोचों की भी टोंटियां गायब हो गईं। वहीं बीना-कोटा पैसेंजर और बीना-ग्वालियर पैसेंजर ट्रेन में भी टॉयलेट और वॉशवेशन की करीब 50 फीसदी टोंटियां गायब हैं। इससे ट्रेनों में बिल्कुल भी पानी नहीं रहता है।

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ट्रेनें यात्रियों की भीड़ से भरी रहती हैं
वहीं इन ट्रेनों से डस्टबिन भी गायब हैं। जबकि इन ट्रेनों से रोजाना ही बड़ी संख्या में यात्री यात्रा करते हैं और हमेशा ही यह ट्रेनें यात्रियों की भीड़ से भरी रहती हैं। ऐसे में इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं गंदगी की वजह से ट्रेनों में यात्रियों को बदबू की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है, लेकिन इस तरफ रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

 

पानी भरा भी जाए तो टोंटी न होने रुकेगा ही नहीं-
रेलवे ने कई बार इन ट्रेनों के कोचों में टोंटियां लगवाईं, पहले जहां स्टील की टोंटियां लगी दिखती थीं। जब वह गायब हुईं तो उनकी जगह प्लास्टिक की टोंटियां लगाई गईं, लेकिन वह भी गायब हो चुकी हैं।

परेशानियों का सामना करना पड़ता है
इन ट्रेनों से रोजाना अप-डाउन करने वाले यात्रियों का कहना है कि यदि रेलवे द्वारा इन ट्रेनों में पानी भरा भी जाए तो टोंटियां न होने से एक भी बूंद पानी नहीं रुक सकता है और तीन महीने से न तो इन ट्रेनों में टोंटियां लगी हैं और न हीं पानी भरा हुआ मिला। इससे इन ट्रेनों से लंबी दूरी तक यात्रा कर रहे यात्रियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।



रात में बीना यार्ड में खुले पड़े रहते हैं इन ट्रेनों के गेट-
गुना-बीना पैसेंजर में मिले बीना के यात्री जयपालसिंह और देवेंद्रकुमार ने बताया कि रात के समय इन ट्रेनों को बीना स्टेशन के यार्ड में रखा जाता है। जहां पहले कोच के गेटों को लॉक करके यार्ड में रखा जाता था, लेकिन अब रातभर ट्रेनों के गेट खुले रहते हैं और इसी का फायदा उठाकर लोग ट्रेनों से टोंटियां निकाल ले जाते हैं और बाद में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 

डीआरएम ऑफिस ने कहा जांच करवाएगें-
पत्रिका ने जब यात्रियों की इस समस्या पर डीआरएम से संपर्क किया तो ऑफिस के अन्य अधिकारी ने फोन उठाया। डीआरएम ऑफिस का कहना है कि ट्रेन की जांच करवाए लेते हैं और टोंटियां क्यों नहीं लगीं, इसकी जानकारी भी लेंगे। ताकि यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

 

रेलवे अधिकारी बोले चोरों से हम भी थक चुके-
रेलवे के सीएंडडब्ल्यू विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चोरों से हम भी थक चुके हैं, हर बार ट्रेनों में टोंटियां लगाई जाती हैं लेकिन कुछ ही दिन में फिर गायब हो जाती हैं। आरपीएफ को भी पत्र लिखा है लेकिन वह चोरों को नहीं पकड़ पा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि फंड आते ही टोंटियां फिर से लगा दी जाएंगी। वहीं डीआरएम ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों की जांच करवाएंगे और टोंटियां न होने का कारण पूछा जाएगा।


स्पीक आउट-
मैं रोजाना ट्रेन से अप-डाउन करता हैं, पैसेंजर ट्रेनों में टोंटियां करीब तीन माह से गायब हैं। ट्रेन में कभी पानी नहीं रहता है। लेकिन रेलवे इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
विनोद नामदेव, यात्री मुंगावली

पैसेंजर ट्रेनों से लंबे समय से टोंटियां गायब हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे ट्रेनों में बदबू की समस्या भी रहती है और यात्री परेशान होते रहते हैं।
जमील खान, यात्री गुना

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