बुधवार को सुबह जिले के अशोकनगर तहसील क्षेत्र के दियाधरी व धौर्रा सहित आधा दर्जन गांव और शाढ़ौरा तहसील के पीलीघटा, सेमराहाट, अटारी खैजरा, सेजी, सडूमरा, कुंदौरा, पहाड़ा, मढ़ी नामदार, कलुआखेड़ी, सूखा आमखेड़ा और देपराई सहित करीब 15 गांवों में पांच मिनिट तक ओले गिरे। पीलीघटा गांव में ओलों की सफेद चादर बिछ गई। ग्रामीण गुरमेजसिंह के मुताबिक सुबह साढ़े सात बजे तेज स्पीड से ओले गिरने से चादर सी बिछ गई थी और ओले इतने तेज थे कि गांव में कच्चे घरों की खपरेल फूट गए। वहीं सूखा आमखेड़ा गांव में भी कच्चे घरों की खपरैल फूट गई और मंडी ले जाने के लिए अनाज से भरकर रखी ट्राली को बूंदाबांदी होते देख किसान ने तिरपाल बांधकर अच्छी तरह से ढंक दिया था। लेकिन ओलों की वजह से तिरपाल फट गई और ट्राली पानी व ओलों से भर गई। इससे ट्राली में रखा अनाज भीगकर खराब हो गया। वहीं दियाधरी गांव में सुबह के समय वृद्ध प्रकाश अहिरवार हैण्डपंप पर पानी भरने के लिए गया था, तभी अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई और वह ओलों की चपेट में आने से घायल हो गया। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा अन्य गांवों में भी ओलावृष्टि से ऐसे ही हालात रहे और गांवों में ज्यादातर कच्चे घरों की खपरैल टूट गई।
किसानों की फसल चौपट, लाखों रुपए का हुआ नुकसान कई गांवों में गेहूं की फसल कटी हुई खेतों में रखी थी, ओलावृष्टि होने की वजह से कटे रखे गेहूं की बालियां टूटकर खेतों में गिर गईं और गेहूं भीगकर खराब हो गया। वहीं गांवों में घरों में खुले में लगे अनाज के ढ़ेरों को बचाने के लिए किसानों ने तिरपालों से ढंका, लेकिन आंधी और ओलों से तिरपालें फटने से दर्जनों किसानों के अनाज के ढ़ेर भीगकर खराब हो गए। इसके अलावा ज्यादातर किसानों का भूसा भी भीगकर खराब हो गया है। वहीं आम, पपीता सहित पेड़ों से फल टूटकर गिर गए। इससे लाखों का नुकसान हुआ है। तहसीलदारों का कहना है कि सर्वे कराया जा रहा है। शाढ़ौरा क्षेत्र में ओलावृष्टि से ५० पक्षियों की मौत हो गई, जिसमें मोर सहित अन्य पक्षी शामिल हैं।
हजारों क्विंटल गेहूं भीगा, मोटर डालकर निकाला पानी बुधवार को सुबह आठ बजे तक जिलेभर में 1.9 सेमी बारिश हुई। समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का काम चल रहा है। लेकिन ज्यादातर खरीदी केंद्रों पर खरीदा हुआ गेहूं खुले में पड़ा हुआ था। हालत यह है कि तमोइया स्थित खरीदी केंद्र पर सैंकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश से भीग गया। वहीं तूमैन केंद्र पर भी खरीदा हुआ रखा गेहूं बारिश से भीग गया। जहां पर गेहूं ढंकने के लिए डाली गई तिरपालों पर इतना पानी भर गया कि उसे विद्युत पंप डालकर निकालना पड़ा। जिले के अन्य केंद्रों पर भी यही हाल रहे और जिलेभर में खरीदी केंद्रों का हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया।