दरअसल शहर में सोमवार को सीजन की पहली मूसलाधार बारिश हुई और एक घंटे की बारिश में जगह-जगह पानी भर गया। घर, बस्तियां, सड़कें, सरकारी भवन व परिसर सब पानी-पानी हो गए। इसी बीच किन्नर सम्मेलन स्थल पर दीवार गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई और गंभीर हादसा टल गया। मूसलाधार बारिश के कारण रेलवे ट्रेक पर भी पानी भरने लगा, जिसे निकालने के लिए गिट्टी हटाकर नाली बनाई गईं।
सोमवार को सुबह कुछ देर बादल रहने के बाद धूप खिल आई थी। लेकिन दोपहर करीब 2 बजे से आसमान काला होने लगा और घटा ऐसी छाई कि दिन में भी अंधेरा हो गया।
MUST READ : MP में फिर येलो अलर्ट, आसमान पर बादलों ने जमाया अपना डेरा करीब 2.15 बजे से मूसलाधार बारिश शुरू हुई जो करीब 3.15 बजे तक चली। इससे पहले रविवार को सुबह 8 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे के बीच जिले में 10.75 मिमी औसत बारिश हुई।
शहर की कई बस्तियों व मकानों में भी पानी भरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।आरोन रोड शांतिधाम से पहले बस्ती में पानी भरने से करीब 40 मकानों के अंदर पानी घुस गया।
परमालसिंह रजक के मकान में तीनों कमरों में पानी भरा था। पलंग पर सामान रखकर उसे बचाया। वहीं तूफानसिंह, वीरसिंह रजक, संग्राम सिंह रजक सहित अन्य लोगों के मकानों में पानी भर गया। बारिश रुकने के घंटों बाद तक लोग पानी फेंकने के लिए मशक्कत करते रहे। इसके अलावा नहर कॉलोनी, शंकर कॉलोनी, वृंदावन धाम कालोनी, त्रिकाल चौबीसी के आसपास, महावीर कॉलोनी, नईआबादी, बिलाला मिल रोड, शंकरपुर सहित अन्य बस्तियों में पानी भर गया।
MUST READ : अगले 24 घंटे हैं बेहद खतरनाक, 18 जिलों में रेड अलर्ट हुआ जारी- Video विदिशा रोड सहित शहर की सड़कें हुईं जल मग्न
बारिश की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कुछ ही देर में विदिशा रोड सहित शहर के अंदर की सड़कें भी जल मग्न हो गईं। विदिशा रोडपर एक किमी दूर तक डेढ़-दो फुट तक पानी भरा रहा।
बारिश की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कुछ ही देर में विदिशा रोड सहित शहर के अंदर की सड़कें भी जल मग्न हो गईं। विदिशा रोडपर एक किमी दूर तक डेढ़-दो फुट तक पानी भरा रहा।
इस दौरान कई वाहन बंद हो गए जिससे उन्हें धक्का मारकर निकालना पड़ा। पूरी सड़क डूबी हुईनजर आई। इसके अलावा सुराना चौराहा, त्रिकाल चौबीसी मंदिर, बिलाला मिल रोड, कोतवाली के सामने, गुरुद्वारे के सामने, आरोन रोड सहित अन्य रास्तों पर पानी भरने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
इस दौरान कईदुकानों में भी बारिश का पानी चला गया। गुरुद्वारा रोडकी दुकानों के छज्जे तक पानी पहुंच गया था। रेलवे ट्रेक पर भरा पानी
तेज बारिश होने से रेलवे ट्रेक पर भी पानी भरने लगा था।रेलवे क्रॉसिंग से लेकर जीआरपी थाने तक तीन में दो ट्रेकों पर पटरी हल्की से ही ऊपर दिख रही थीं।
तेज बारिश होने से रेलवे ट्रेक पर भी पानी भरने लगा था।रेलवे क्रॉसिंग से लेकर जीआरपी थाने तक तीन में दो ट्रेकों पर पटरी हल्की से ही ऊपर दिख रही थीं।
MUST READ : MP में होगी भारी बारिश, जानिये अगले सात दिनों का पूर्वानुमान जीआरपी थाने के सामने भी पानी भरा था और एक तरफ की पटरी भी डूबने की कगार पर पहुंच गई थी। फुट ओवर के नीचे से रेलवे ट्रेक पर नाले की तरह पानी बह रहा था। रेलवे ट्रेक को पानी में डूबने से बचाने के लिए बीच-बीच में गिट्टी हटाकर नाली बनाई। जिससे पानी निकल सके।
हादसा: तेज बारिश से दीवार गिरी
शहर में 14 सितंबर से चल रहे अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन भी बारिश से प्रभावित हुआ। कार्यक्रम स्थल अमर मैरिज गार्डन के पास नाले में बड़ी मात्रा में पानी आने से इसकी एक दीवार गिर गई।
शहर में 14 सितंबर से चल रहे अखिल भारतीय किन्नर सम्मेलन भी बारिश से प्रभावित हुआ। कार्यक्रम स्थल अमर मैरिज गार्डन के पास नाले में बड़ी मात्रा में पानी आने से इसकी एक दीवार गिर गई।
जिससे एक फार च्यूनर कार क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि दीवार की चपेट में कोई नहीं आया, वरना हादसा गंभीर हो सकता था। घरों में भरा पानी, खाना तक नहीं बना पा रहे लोग
वहीं नईसराय में बारिश के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों के घरों में पानी भर गया है। ग्राम अखाईघाट में घासीराम प्रजापति के कच्चे मकान में अंदर तक पानी भर गया जिससे उसके परिवार को दूसरे जगह शरण लेनी पड़ी और बाहर पेड़ के नीचे खाना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वहीं नईसराय में बारिश के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों के घरों में पानी भर गया है। ग्राम अखाईघाट में घासीराम प्रजापति के कच्चे मकान में अंदर तक पानी भर गया जिससे उसके परिवार को दूसरे जगह शरण लेनी पड़ी और बाहर पेड़ के नीचे खाना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
मकान में घुटनो तक पानी भर गया तथा मकान के छान छप्पर भी बेकार हो गए। घासीराम को अपने दो छोटे-छोटे बच्चों को पड़ोसी के यहां सोने भेजना पड़ रहा है वहीं घर का जरुरी सामान व आटा गेंहू भी पड़ोसी के यहा रखना पड़े।
दोनो पति पत्नि देर तक अपने मकान से पानी फेंकते रहे। सूचना के बाद भी गांव में गिरे हुए मकानों का सर्वे करने व गांव की समस्याएं देखने कोई नही पहुंचा।