करीब डेढ़ सप्ताह पहले ही स्कूल शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षाओं का हवाला देते हुए अटैचमेंट खत्म करने के निर्देश दिए थे। इससे शिक्षा विभाग ने सिर्फ उन शिक्षकों का ही अटैचमेंट समाप्त करवाया, जिन्हें लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन कार्यालयों में कुछ दिन पहले ही अटैच किया था। वहीं इन 115 शिक्षकों के अटैचमेंट को छिपा लिया। नतीजतन ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के यह शिक्षक एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, जिला पंचायत, बीईओ-बीआरसी कार्यालय, प्राचार्य कार्यालय और जनशिक्षा केंद्रों पर अटैच हैं। जबकि इन अटैच शिक्षकों को इन कार्यालयों में महीने में मात्र दो से तीन दिन का ही काम लिया जाता है। लेकिन लोक शिक्षक संचालनालय, स्कूल शिक्षा विभाग और मप्र शासन द्वारा जारी किए गए अटैचमेंट समाप्त करने के आदेशों को जिम्मेदार ही नजर अंदाज करने में लगे हुए हैं।
डीईओ ने 10 और बीईओ-बीआरसी ने किए 54 शिक्षक अटैच-
पत्रिका ने जब जिले के चारों विकासखंडों में विभिन्न जगह अटैच सरकारी स्कूलों की शिक्षकों की सूची की पड़ताल की, तो पता चला कि 10 शिक्षकों को डीईओ ने और 54 शिक्षकों को बीईओ-बीआरसी ने आदेश जारी कर अटैच किया है। वहीं आठ शिक्षक एसडीएम व तहसीलदार के आदेश से अटैच हैं। इसके अलावा प्राचार्यों व जन शिक्षा केंद्रों ने भी खुद ही अपनी मर्जी से शिक्षकों को अटैच कर लिया है।
दूर न जाना पड़े, इसलिए कर देते हैं अटैचमेंट-
शिक्षकों का कहना है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपने खास शिक्षकों को अटैचमेंट की व्यवस्था का लाभ देते हैं। शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के दूर दराज के स्कूलों में न जाना पड़े। इसके लिए उन्हें अधिकारी शहर के स्कूलों में अटैच कर देते हैं, जबकि शहर के स्कूलों में पहले से ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक हैं। वहीं इन अटैच शिक्षकों को वेतन भी पदस्थ संस्था के नाम पर ही जारी किया जाता है।
अटैचमेंट के नाम पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को तो सरकारी कार्यालयों या शहर के स्कूलों में अटैच कर देते हैं, लेकिन उनकी जगह पर दूसरे शिक्षकों को नहीं भेजा जाता है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इससे अब बड़ा सवाल यह उठता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकारी स्कूलों के शिक्षा का स्तर पर गंभीरता क्यों नहीं दिखा रहे हैं।
विकासखंड शिक्षक
अशोकनगर 31
चंदेरी 43
ईसागढ़ 13
मुंगावली 28
कुल 115