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कलेक्टर ने गांव पहुंचकर जाने हालात, बेघर हो चुके इन परिवारों को छात्रावास में ठहराने के दिए निर्देश

locationअशोकनगरPublished: Apr 03, 2019 12:10:52 pm

Submitted by:

Arvind jain

मदद की दरकार: राजपुर में मकान टूटने से बेघर हुए परिवारों को जिलेवासियों से मदद की जरूरत। – जिले के कुछ लोग मदद के लिए भी पहुंचे और उन परिवारों को उपलब्ध कराया अनाज व अन्य सामान।

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कलेक्टर ने गांव पहुंचकर जाने हालात, बेघर हो चुके इन परिवारों को छात्रावास में ठहराने के दिए निर्देश

अशोकनगर. अतिक्रमण टूटने से बेघर हो चुके परिवारों के पास रहने के लिए न तो घर है और न हीं गुजारे के लिए अन्य कोई सामान। खुले मैदान में सड़क किनारे और खेतों में रहने को मजबूर अब इन परिवारों को जिलेवासियों से मदद की दरकार है, ताकि परिवार के पालन के लिए उन्हें कुछ समय तक के लिए गुजारे की व्यवस्था हो सके। कलेक्टर ने गांव पहुंचकर इन परिवारों के हालात जाने, साथ ही बेघर परिवारों को छात्रावास में ठहराने के निर्देश दिए हैं।


कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा मंगलवार दोपहर के समय तहसीलदार इसरार खान के साथ राजपुर गांव पहुंचीं। जहां पर उन्होंने अतिक्रमण से प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही जिन परिवारों के पास अब रहने के लिए कोई जगह नहीं बची है, उन्हें तात्कालिक व्यवस्था के रूप में छात्रावास में ठहराने के निर्देश तहसीलदार को दिए। वहीं स्कूल भवन में रह रहे परिवारों से भी कलेक्टर ने मिली और प्रभावित हुए सभी परिवारों को भोजन-पानी की व्यवस्था कराने के निर्देश ग्राम पंचायत को दिए।

इस दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर को अपनी व्यथा बताई और मौके पर ही दिखाया कि वह किस तरह से खुले मैदान में रहकर गुजारा कर रहे हैं। जहां पर ग्रामीणों ने उन्हें फिर से आबादी वाली जगह पर स्थापित करने की मांग की, तो कलेक्टर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद प्रभावित पात्र परिवारों को आबादी वाली भूमि के लिए विधिमान्य कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ पहुंचकर हटाए गए मकानों और दुकानों के हटाए गए अतिक्रमण को भी देखा।

ग्रामीणों ने की आबादी क्षेत्र घोषित करने की मांग-
जिस सर्वे क्रमांक 503 से अतिक्रमण हटाया गया है। गांव में रहने की कमी को देखते हुए 1994 में तत्कालीन अपर कलेक्टर ने 503 सर्वे नंबर की आधी जमीन को आबादी क्षेत्र घोषित किया था और राजस्व अधिकारियों को आदेश पर अमल करने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश पर अमल नहीं हो सका। इससे अब ग्रामीणों ने उस आदेश पर अमल कर उस जमीन को आबादी क्षेत्र घोषित करने की मांग की। हालांकि चुनाव की आचार संहिता होने से कलेक्टर ने चुनाव के बाद ही कुछ व्यवस्था होने का आश्वासन दिया।


बेघरों को है मदद की दरकार-
घर और दुकानें टूट जाने से यह परिवार अपनी गृहस्थी का सामान लिए यहां-वहां खुले मैदानों में ही रहने को मजबूर हैं। इससे इन परिवारों को अपने गुजारे के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इससे इन परिवारों की मदद के लिए जिलेवासियों और सामाजिक संस्थाओं को आगे आना चाहिए। ताकि इन परिवारों के पास गुजारे की कुछ व्यवस्था हो सके।

मदद के लिए गांव पहुंचे लोग-
राजपुर गांव के इन ग्रामीणों की मदद करने के लिए सात समिति प्रबंधकों से सात क्विंटल गेहूं एकत्रित कर कुछ लोग गांव पहुंचे। साथ ही प्रत्येक प्रभावित परिवार को 20-20 किलो गेहूं वितरित कराया गया, हालांकि अभी आठ परिवार शेष रह गए हैं, जिन्हें बुधवार को गेहूं उपलब्ध कराने की बात कही गई है।

वहीं जनपद सदस्य प्रतापभानसिंह और कचनार सरपंच कृष्णभानसिंह यादव ने 9 हजार रुपए दिए। इस राशि में उन्होंने प्रत्येक परिवार को एक लीटर कुकिंग ऑइल की पैकेट, तीन किलो आलू, एक किलो, प्याज और मिर्च-मसाले की पैकेटें दीं। ताकि इस सामान से वह खाना बना सकें। उन्होंने बताया कि 32 परिवारों के पास तो खाने की भी व्यवस्था नहीं है। वहीं शेष परिवारों की भी मदद करने की बात कही है।

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