टीला निवासी विक्रमसिंह ने अपने गांव के पास की सेवा सहकारी संस्था नादनखेड़ी के खरीदी केंद्र पर पंजीयन कराया था। गेहूं की फसल तैयार हो जाने के बाद कुछ दिन तो वह मैसेज आने का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें शासन से मैसेज गांव से 30 किमी दूर स्थित दमदमा में स्थित सेवा सहकारी संस्था सिंघाड़ा के खरीदी केंद्र पर गेहूं लेकर पहुंचने का आया है। मुंगावली निवासी अजीम खान ने भी पास के खरीदी केंद्र पर गेहूं का पंजीयन कराया था, लेकिन विभाग द्वारा मैसेज पर भेजे गए मैसेज ने उनकी समस्या बढ़ा दी है। किसान अजीम खान को भी 30 किमी दूर दमदमा में स्थित सिंघाड़ा संस्था के खरीदी केंद्र पर गेहूं लेकर पहुंचने का मैसेज आया है। यह समस्या सिर्फ दो या तीन किसानों की नहीं, बल्कि जिले के सैंकड़ों किसानों के मनमाने तरीके से खरीदी केंद्र बदल दिए गए और सैंकड़ों किसानों को मनमाने तरीके से दूर के खरीदी केंद्रों पर जोड़ दिया गया है।
किसानों का कहना है कि अब आखिर वह इतनी दूर अपने गेहूं को बेचने के लिए कैसे पहुंचें, क्योंकि एक ट्राली गेहूं की बात होती तो पहुंचा भी सकता था, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में उन्हें अपना गेहूं इतनी दूर स्थित खरीदी केंद्र पर एक दिन में लेकर पहुंचना संभव नहीं है। कई शिकायतों के बाद भी उनकी समस्या न तो विभाग के जिम्मेदार कोई गंभीरता दिखा रहे हैं और न ही प्रशासन।
विभाग का जबाव: मैपिंग में छांटे गए गांवों के नाम खाद्य विभाग का कहना है कि इस बार पंजीयन संस्थाएं अलग रहीं और खरीदी केंद्र अलग रहे। शासन ने इस बार उपार्जन के लिए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि एक खरीदी केंद्र पर 1100 पंजीयन और अधिकतम 75 हजार क्विंटल गेहूं का पंजीयन होना है। इससे कई गांवों को मैपिंग के माध्यम से दूसरे खरीदी केंद्रों पर जोड़ दिया गया। जबकि किसानों का कहना है कि शासन ने स्पष्ट तौर पर यह भी निर्देश दिए थे कि खरीदी केंद्रों की दूरी ज्यादा नहीं होना चाहिए। इससे मैपिंग में हुई यह गड़बड़ी किसानों के लिए परेशानी बन गई है।
ये बोले जिम्मेदार कुछ मैसेज तो गलत ही आ रहे हैं, हमारे पास शिकायत आई थी। यदि गलत मैसेज आता है तो हम उसे अपने लॉगइन से सुधार देंगे। खरीदी केंद्र के लिए कुछ सीमाएं निर्धारित थीं, हो सकता है कि किसी खरीदी केंद्र पर ज्यादा किसान होने से अन्य जगह नाम जुड़ गए हों।
एमएस राठौर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अशोकनगर
जिले के कचनार खरीदी केंद्र पर खरीदी शुरू कराई थी, लेकिन कुछ समस्या आने की वजह से रुक गई थी। जल्दी ही खरीदी शुरू करा रहे हैं।
जिले के कचनार खरीदी केंद्र पर खरीदी शुरू कराई थी, लेकिन कुछ समस्या आने की वजह से रुक गई थी। जल्दी ही खरीदी शुरू करा रहे हैं।
अनिल पाठक, जिला आपूर्ति अधिकारी, अशोकनगर