स्वास्थ्य संचालक बीएन चौहान सोमवार को अपनी टीम के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। टीम के सदस्यों ने अस्पताल में अलग-अलग जाकर स्थिति को देखा और जरूरतों के बारे में जानकारी। इसी दौरान टीम में शामिल कायाकल्प योजना के अधिकारी जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में पहुंचे। ट्रामा की बिल्डिंग में प्रसूति वार्ड संचालित है और ऑपरेशन थिएटर के बाहर गैलरी में छत से पानी टपकता देखा और छत में कई जगह सीलन भी दिखी। जिसके टीम ने फोटो लिए और अस्पताल में पलंगों की व्यवस्था की भी जानकारी ली। इसके बाद स्वास्थ्य संचालक ने सीएमएचओ डॉ.जेआर त्रिवेदिया, सिविल सर्जन डॉ.एसएस छारी सहित विभाग के अन्य अधिकारियों की बैठक ली और जानकारी ली। बैठक में विधायक जजपालसिंह जज्जी भी मौजूद रहे।
जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में आवश्यक उपकरणों की खरीदी के लिए 1.8 0 करोड़ रुपए का फंड मिला था, जिसमें से 1.20 करोड रुपए के उपकरण खरीदे जा चुके हैं। लेकिन खास बात यह है कि इन उपकरणों को संचालित करने वाले ऑपरेटर भी अस्पताल में नहीं है। इस पर संचालक ने नाराजगी जताई और कहा कि बिना ऑपरेटरों के यह उपकरण खराब हो जाएंगे। उन्होंने अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद और उपलब्धता की भी जानकारी ली, लेकिन अस्पताल में स्वीकृत संख्या से आधे भी डॉक्टर नहीं है।
शिकायत: नौं वार्डों के लिए खाना बनवाकर तीन का देते हैं पैसा अस्पताल में मरीजों के लिए दिए जाने वाला खाना बनाने वाली महिलाओं ने स्वास्थ्य संचालक से पैसे न मिलने की शिकायत की। महिला गुड्ड़ी बाई, पिस्ताबाई और कमलेशबाई ने कहा कि हमसे नौं वार्डों के मरीजों के लिए खाना बनवाया जाता है, लेकिन तीन वार्डों का ही पैसा दिया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि लंबे समय से उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विधायक बोले-निजी अस्पतालों में होती है डिलेवरी विधायक जजपालसिंह जज्जी ने अस्पतालों में अव्यवस्थाओं की शिकायत की और कहा कि अस्पताल में कई मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचकर डिलेवरी कराना पड़ती है और विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भी खाली पड़े हैं। अस्पताल में ऑपरेशनों की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।