अशोकनगर

ट्रामा के ओटी गैलरी में टपक रहा पानी टीम ने लिए फोटो, संचालक ने कहा खराब हालत

जिला अस्पताल की हकीकत जानने पहुंचे स्वास्थ्य संचालक,- ऑपरेटर नहीं फिर भी खरीदे 1.20 करोड़ के उपकरण तो संचालक हुए नाराज, पड़े-पड़े ही हो जाएंगी खराब।

अशोकनगरJan 22, 2019 / 10:59 am

Arvind jain

ट्रामा के ओटी की गैलरी में टपक रहा था छत से पानी तो टीम ने लिए फोटो, संचालक ने कहा खराब हालत


अशोकनगर. जिला अस्पताल की हकीकत जानने पहुंचे स्वास्थ्य संचालक की टीम को ट्रामा सेंटर में ऑपरेशन थिएटर से बाहर छत से पानी टपकता मिला तो टीम ने छत के फोटो लिए। ट्रामा के लिए 1.20 करोड रुपए के उपकरणों की खरीदी हो जाने पर संचालक ने नाराजगी जताई और कहा कि जब इन उपकरणों को चलाने वाले ऑपरेटर ही नहीं है तो खरीदी क्यों कर ली। वहीं बैठक लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई।

स्वास्थ्य संचालक बीएन चौहान सोमवार को अपनी टीम के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। टीम के सदस्यों ने अस्पताल में अलग-अलग जाकर स्थिति को देखा और जरूरतों के बारे में जानकारी। इसी दौरान टीम में शामिल कायाकल्प योजना के अधिकारी जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में पहुंचे। ट्रामा की बिल्डिंग में प्रसूति वार्ड संचालित है और ऑपरेशन थिएटर के बाहर गैलरी में छत से पानी टपकता देखा और छत में कई जगह सीलन भी दिखी। जिसके टीम ने फोटो लिए और अस्पताल में पलंगों की व्यवस्था की भी जानकारी ली। इसके बाद स्वास्थ्य संचालक ने सीएमएचओ डॉ.जेआर त्रिवेदिया, सिविल सर्जन डॉ.एसएस छारी सहित विभाग के अन्य अधिकारियों की बैठक ली और व्यवस्थाओं की जानकारी ली। बैठक में विधायक जजपालसिंह जज्जी भी मौजूद रहे।

1.20 करोड के उपकरणों की खरीदी पर नाराजगी-
जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में आवश्यक उपकरणों की खरीदी के लिए 1.80 करोड़ रुपए का फंड मिला था, जिसमें से 1.20 करोड रुपए के उपकरण खरीदे जा चुके हैं। लेकिन खास बात यह है कि इन उपकरणों को संचालित करने वाले ऑपरेटर भी अस्पताल में नहीं है। इस पर संचालक ने नाराजगी जताई और कहा कि बिना ऑपरेटरों के यह उपकरण खराब हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद और उपलब्धता की भी जानकारी ली, लेकिन अस्पताल में स्वीकृत संख्या से आधे भी डॉक्टर नहीं है।

200 बिस्तर अस्पताल, जल्द बढेंगी पलंग संख्या-
स्वास्थ्य संचालक ने कहा कि 100 बिस्तर वाले इस जिला अस्पताल का 200 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन हो गया है। इसके लिए शासन ने अस्पताल के लिए 22 पद भी सृजित कर दिए हैं। जिनमें विशेषज्ञ डॉक्टरों और चिकित्सा अधिकारियों के भी पद बढ़ गए हैं। संचालक ने सिविल सर्जन ने अस्पताल में पलंगों के बारे में पूछा तो सिविल सर्जन ने 150 पलंग बताए। इस पर संचालक ने 50 पलंग के लिए वार्ड तैयार कराने की बात कही। साथ ही पूछा कि कहां पर निर्माण कराओगे तो उन्होंने पुराने वार्डों की जगह निर्माण कराने की बात कही, इस पर संचालक ने कहा कि किसी अच्छी जगह बनवाओ ताकि लोगों को लाभ मिल सके।
शिकायत: नौं वार्डों के लिए खाना बनवाकर तीन का देते हैं पैसा-
अस्पताल में मरीजों के लिए दिए जाने वाला खाना बनाने वाली महिलाओं ने स्वास्थ्य संचालक से पैसे न मिलने की शिकायत की। महिला गुड्ड़ी बाई, पिस्ताबाई और कमलेशबाई ने कहा कि हमसे नौं वार्डों के मरीजों के लिए खाना बनवाया जाता है, लेकिन तीन वार्डों का ही पैसा दिया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि लंबे समय से उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विधायक ने कहा निजी अस्पतालों में होती है डिलेवरी-
विधायक जजपालसिंह जज्जी ने अस्पतालों में अव्यवस्थाओं की शिकायत की और कहा कि अस्पताल में कई मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचकर डिलेवरी कराना पड़ती है और विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भी खाली पड़े हैं। अस्पताल में ऑपरेशनों की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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