scriptपैसे लिए, कच्चा मकान भी गिरवा दिया पर मकान की किस्त अब तक नहीं दी | House demolished, installment not given yet | Patrika News

पैसे लिए, कच्चा मकान भी गिरवा दिया पर मकान की किस्त अब तक नहीं दी

locationअशोकनगरPublished: Nov 20, 2019 12:01:38 am

मंगलवार को कलेक्टर से इसकी शिकायत की गई है

House demolished, installment not given yet

Ashoknagar For the last three months, a family is forced to live in a tapre on the farm in village Bayanga in Isagarh district. The family has alleged that their raw housing secretary got them down by asking them to install the installment and despite receiving the money, the first installment has not yet been given to them.

अशोकनगर. ईसागढ़ जनपद के ग्राम बायंगा में एक परिवार पिछले तीन महीनों से खेत पर बने टपरे में रहने को मजबूर है। परिवार ने आरोप लगाया है कि किस्त डालने का कहकर उनका कच्चा मकान सचिव ने गिरवा दिया और रुपए लेने के बावजूद अभी तक पहली किश्त उन्हें नहीं दी गई। मंगलवार को कलेक्टर से इसकी शिकायत की गई है। जिस पर कलेक्टर ने पीएमएवाय के डीसी मनीष त्रिवेदी को जांच के निर्देश दिए हैं।
शिकायतकर्ता लक्ष्मी बाई पत्नी फूलसिंह अहिरवार ने बताया कि उनके चाचा ससुर हिरिया अहिरवार के नाम से कुटीर स्वीकृत की गई थी। पंचायत सचिव रामकुमार यादव ने कहा कि ५ हजार रुपए दे दो और कच्चा मकान गिराकर गड्ढे खुदवा लो। इसलिए उन्होंने ५ हजार रुपए दिए और मकान गिरा कर गड्ढे खुदवा लिए।
मगर उनके खाते में राशि नहीं आई।
जब इस संबंध में सचिव से पूछा, तो उन्होंने कहा कि ईसागढ़ जाओ। वहां गए तो ईसागढ़ में जनपद सीईओ ने भी पैसे मांगे, वहां भी दे दिए, लेकिन इसके बावजूद अभी भी मकान बनाने के लिए पहली किश्त नहीं डाली गई है, जबकि सीईओ ने कहा था कि तीनों किश्तें एक साथ डाल देंगे। अब वे पिछले तीन महीनों से अपने परिवार के साथ टपरे में रहने को मजबूर हैं। इस संबंध में ५-६ बार शिकायत भी कर दी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
हिरिया अहिरवार करीब ८० साल का व्यक्ति है और लगभग १० सालों से भोपाल में है। उसे मानसिक बीमारी है, जिसका इलाज चल रहा है। वह गांव में नहीं रहते, इसलिए राशि नहीं डली। उसके परिवार में भी कोई नहीं है, सिंगल आदमी है। पैसे लेने के आरोप तो कोई भी लगा सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि आरोप सही हों।
-महेन्द्र जैन, सीईओ जनपद पंचायत ईसागढ़
हितग्राही जिओ टेग करवाने के लिए नहीं आए थे। उस समय वह भोपाल में थे। जिओ टेग न होने से उसकी राशि नहीं डल सकी। अगला टार्गेट जब आएगा, तब राशि डल पाएगी। उसके द्वारा रुपए लेने के जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से गलत है। उनसे रुपयों की कोई मांग नहीं की गई।
-रामकुमार यादव, सचिव ग्राम पंचायत दियाधरी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो