शनिवार दोपहर 12 बजे से करीला महंत केशवदास साधु-संतों के साथ कलेक्ट्रेट के बाहर टेंट लगाकर बैठ गए थे और अनशन शुरू कर दी थी। वहीं उनके साथ कई ग्रामीण भी बैठ गए थे। साधु-संत ट्रस्ट को भंग कराने की मांग पर अड़े हुए थे। इससे मंगलवार शाम तक साधु-संत धरने पर बैठे रहे। जहां पर केशवदास ने रविवार-सोमवार रात से पानी का भी त्याग कर दिया था और मौन व्रत धारण कर लिया था। इससे मंगलवार को अधिकारी पहुंचे तो उन्होंने लिखकर ही जबाव दिए। बाद में शाम के समय कलेक्टर ने साधुओं को बुलाकर हर शिकायत की जांच का आश्वासन दिया और साधुओं को अनार का जूस पिलाया और खिलाए।
इससे साधुओं ने अपना अनशन खत्म कर दिया। इस दौरान एसपी सुनीलकुमार जैन, अपर कलेक्टर, एडिशनल एसपी, मुंगावली व अशोकनगर के तहसीलदार मौजूद थे। ट्रस्ट ने दिया ज्ञापन, कहा दर्शनार्थियों को धमकाते हैं केशवदास- वहीं मंगलवार को ट्रस्ट ने भी मुंगावली के प्रभारी एसडीएम को ज्ञापन दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का गठन एसडीएम ने किया था और महंत केशवदास ने एसडीएम न्यायालय व एडीजे कोर्ट में अपील की, दोनों ही जगह ट्रस्ट के पक्ष में फैसला आया। बाद में केशवदास ने हाईकोर्ट में अपील की और हाईकोर्ट में मामला लंबित है।
ट्रस्ट के खिलाफ प्रकरण लंबित होने से केशवदास ट्रस्ट के सदस्यों, ग्रामीणों और दर्शनार्थियों को धमकाते हैं। वहीं ट्रस्ट ने कहा कि केशवदास अनशन कर रहे हैं, यदि कोई अप्रिय घटना हुई तो ट्रस्ट की जिम्मेदारी नहीं होगी। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष महेंद्र यादव, उपाध्यक्ष कोमलसिंह, सहित सदस्य कमलसिंह, खुमानसिंह, रामबाबू, गजरामसिंह, रतिराम आदि मौजूद थे।