मामला विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र का है। देहात पुलिस और आबकारी विभाग की 40 सदस्यीय टीम ने सुबह के समय माधौगढ़ गांव में छापा मारा तो लोग घरों से कच्ची शराब लेकर भागने लगे, पुलिस ने उनके पास से 935 लीटर हाथ भट्टी की बनी अवैध शराब जब्त की है। वहीं गांव में नदी किनारे से शराब बनाने का पांच हजार लीटर महुआ-गुड का लाहन भी जब्त किया। जिसकी कीमत आबकारी विभाग ने तीन लाख 43 हजार 500 रुपए बताई है।
अवैध शराब के इस मामले में पुलिस ने राकेश पारदी, छब्बू पारदी, राहुल पारदी, दिलबाग पारदी, जुग्गी पारदी, पावर्तीबाई, आरतीबाई, सदेल और अजय पारदी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं मौके से तीन बाइक भी बरामद की गई हैं।
वहीं शराब बनाने की लाहन को मौके पर ही गड्ढ़ा खोदकर नष्ट कर दिया गया। इस कार्यवाई में देहात थाना प्रभारी रोहित दुबे, सहायक जिला आबकारी अधिकारी आजादसिंह आर्य, आबकारी उपनिरीक्षक एलआर करोटिया, राधाकिशन, त्रिअंबिका शर्मा, गोविंद सिंह मीना, दिनेश राठौर और अजयसिंह तोमर की मुख्य भूमिका रही।
बड़ा सवाल: आखिर दिनभर क्यों छिपाते रहे कार्रवाई…
इस मामले में कार्रवाई पर ही सवाल उठने लगे हैं, आबकारी विभाग के मुताबिक रविवार को सुबह साढ़े पांच बजे गांव में यह कार्रवाई की गई और सुबह ही सामान जब्त कर लिया गया। लेकिन खुलासा कार्रवाई को 30 घंटे बीतने के बाद दूसरे दिन शनिवार को किया गया। इससे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब टीम ने अवैध शराब जब्त की तो आखिर मामले को लगातार 30 घंटे तक क्यों छिपाकर रखा गया। वहीं इससे इस कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं