बुधवार को कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने मुंगावली एसडीएम आरए प्रजापति को बेतवा नदी में मदऊखेड़ी घाट चल रहे रेत के अवैध उत्खनन की कार्रवाई करने के निर्देश थे। लेकिन एसडीएम मदऊखेड़ी की वजाय शाम को मल्हारगढ़ के निसई घाट पर कार्रवाई करने पहुंचे। लेकिन तब तक निसई घाट से वोट मशीन और जेसीबी व एलएंडटी मशीनें हट चुकी थीं। हालांकि रास्ते में दो ट्रैक्टर-ट्राली टीम को देखकर रेत को सड़क किनारे ही फैंककर भाग गए, तो रेत को जब्त कर नपा को सौंप दिया गया। वहीं घाट पर सिर्फ वोट मशीन की पाइप लाइन मिली तो प्रशासन ने उसे जब्त कर लिया।
मदऊखेड़ी में नेताओं द्वारा किया जा रहा उत्खनन-
खास बात यह है कि मदऊखेड़ी में जहां बडे स्तर पर रेत उत्खनन का काम चल रहा है और यह कारोबार जिले के कुछ नेताओं की सरपरस्ती में चल रहा है। लेकिन वहां पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो प्रशासन उन पर कार्रवाई करने से बचता नजर आ रहा है। कारण कुछ भी हो, इससे विभाग और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
एसडीएम बोले एजेंट तैनात हैं, पहले ही दे देते हैं सूचना-
मुंगावली एसडीएम आरए प्रजापति का कहना है कि मदऊखेड़ी से भी ज्यादा बड़े स्तर पर निसई घाट पर रेत उत्खनन चल रहा है, इससे पहले वहां कार्रवाई करने गए। लेकिन उत्खननकारियों के एजेंट जगह-जगह तैनात हैं जो टीम को निकलता देख पहले ही सूचना देकर उन्हें भगा देते हैं। हालांकि एसडीएम का कहना है कि मदऊखेड़ी पर भी कार्रवाई की जाएगी।