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प्रशासन चुनाव में व्यस्त, बेतवा में शुरू हुआ अवैध खनन, रोज निकल रही रेत

locationअशोकनगरPublished: Oct 13, 2018 11:12:10 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही प्रशासन खुद को चुनाव में व्यस्त बता रहा है, वहीं बेतवा नदी पर उत्खननकारी सक्रिय हो गए हैं

 Illegal mining

Illegal mining

अशोकनगर. विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही प्रशासन खुद को चुनाव में व्यस्त बता रहा है, वहीं बेतवा नदी पर उत्खननकारी सक्रिय हो गए हैं और अवैध उत्खनन कर रोजाना दो लाख रुपए की रेत निकाली जा रही है। रेत को डंपरों और ट्रालियों के माध्यम से पूरे क्षेत्र में खपाया जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है। मुंगावली तहसील के मल्हारगढ़ में निसई घाट पर चार-चार लाख रुपए की दो बोट मशीन लगाकर बेतवा नदी में रेत का अवैध उत्खनन चल रहा है। लगातार चार दिन से दिन और रात के समय नदी से रोजाना दो लाख रुपए से ज्यादा की रेत निकाली जा रही है। ट्रैक्टर-ट्रालियों और डंपरों के माध्यम से परिवहन कर क्षेत्र में भिजवाया जा रहा है। खास बात यह है कि ज्यादातर सभी रेत खदानें बंद होने की वजह से चोरी की इस रेत को क्षेत्र में महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। अवैध खनन को चार दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने कोई ध्यान दिया और न हीं खनिज विभाग ने।

अगस्त में विवाद के बाद बंद हुआ था खनन
बारिश के मौसम में जहां कलेक्टर ने सभी लाइसेंसी खदानों में भी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन मल्हारगढ़ के निसई घाट पर बारिश के दौरान दो माह तक रेत का अवैध खनन चलता रहा था। पास में ही दूसरा खनन शुरू हो जाने से विवाद हो गया था और मामला पुलिस तक पहुंच गया था।

छोटी नदियों पर भी जारी है खनन
यह मामला सिर्फ बेतवा नदी में ही नहीं, बल्कि बरखेड़ाछज्जू की नदी और सोवत गांव के पास सिंध नदी पर भी रेत का अवैध खनन चल रहा है। वहीं जिले की अन्य छोटी-छोटी नदियों पर भी रेत की चोरी का काम धड़ल्ले से जारी है। अवैध उत्खननकारी शासन को हर माह करोड़ों रुपए का चूना तो लगा ही रहे हैं, साथ नदियों के घाटों को भी खत्म कर रहे हैं, उत्खनन की वजह से घाटों की मिट्टी नदियों में जमा हो रही है। वहीं बोट मशीनें चलने से जलीय जंतु भी खतरे में हैं।

बड़ा सवाल: आखिर क्यों नहीं होती कार्रवाई
जिले में बड़े स्तर पर चल रहे रेत के इस अवैध कारोबार से जहां उत्खननकारी तो रोजाना दो लाख रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों को ऐसा क्या लाभ मिलता है जो वह जानकारी मिलने के बावजूद भी अवैध उत्खनन पर कार्रवाई नहीं करते हैं। इससे क्षेत्र के लोगों का सवाल है कि क्या इसी तरह से जिम्मेदार मूकदर्शक बनकर शासन को खनिज का चूना लगते देखते रहेंगे। इससे जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी लोग सवाल उठाने लगे हैं।
&मैं अभी चुनाव की बैठक में व्यस्त हूं, किसी को भेजकर दिखवा लेता हूं। यदि रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
आरए प्रजापति, एसडीएम मुंगावली

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