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हर स्पॉट पर 6 लाख की पनडुब्बी व 60 लाख की पोपलेन, परिवहन में लगे दर्जनों ट्रैक्टर-ट्राली

locationअशोकनगरPublished: Mar 17, 2019 10:49:35 am

Submitted by:

Arvind jain

खनन का अवैध कारोबार: नदियों पर एक से डेढ़ करोड़ की मशीनरी, फिर भी विभाग नहीं पहुंच पा रही नजर।- छह लाख रुपए की पनडुब्बी नदियों का सीना चीरकर हर दिन कमाकर दे रही दो लाख रुपए से ज्यादा।

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हर स्पॉट पर 6 लाख की पनडुब्बी व 60 लाख की पोपलेन, परिवहन में लगे दर्जनों ट्रैक्टर-ट्राली


अशोकनगर. जिले में बेखौफ होकर रेत के अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। चोरी छिपे नहीं, बल्कि दिनदहाड़े नदियों का सीना चीरने का काम जारी है। नदियों के तल से रेत खनन करने के लिए हर स्पॉट पर छह लाख रुपए की पनडुब्बी, रेत को समेटकर एकत्रित करने और वाहनों में भरने के लिए 60 लाख रुपए की पोपलेन मशीन और परिवहन करने के लिए दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रालियां लगे हुए हैं। लेकिन जानकारी होने के बावजूद भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इस अवैध कारोबार तक नहीं पहुंच पा रही है।
जिलेभर में पत्थर, मुरम, कोपरा और रेत के अवैध खनन की होड़ सी लगी हुई है। हालत यह है कि जिसे जहां जगह मिल रही है, वह उसी जगह पर खनिज की चोरी में लगा हुआ है। यदि हम रेत की बात करें तो नदियों पर रेत खनन के लिए हर स्पॉट पर उत्खननकारी एक से डेढ़ करोड़ की मशीनरी लगाकर इस कारोबार में लगे हुए हैं। 14 स्पॉटों पर चल रहे रेत के इस कारोबार से खनन माफिया रोजाना 37.50 लाख रुपए की रेत निकाल रहे हैं। लेकिन खनन में लगी इस मशीनरी को खनिज और प्रशासन एक भी स्पॉट से जब्त नहीं कर सका। अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई के लिए पहुंचने से पहले ही माफिया मशीनरी को समेटकर भाग जाते हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इस मशीनरी को समेटकर भागने में करीब दो घंटे का समय लगता है और जिले में अवैध खनन का एक भी स्पॉट ऐसा नहीं है, जहां पहुंचने के लिए अधिकारियों को दो घंटे का समय लगे। इससे प्रशासन और विभाग पर सवाल उठने लगे हैं।
छह लाख की अवैध पनडुब्बी रोज कमाकर दे रही दो लाख-
नदियों में पनडुब्बी का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इसके बावजूद भी खनन माफिया पनडुब्बी को लोके ही वोट में रखकर नदियों का सीना चीरने में हुए हैं। यह अवैध पनडुब्बी छह लाख रुपए में तैयार हो जाती है और रोजाना ढ़ाई लाख रुपए से ज्यादा कीमत की रेत निकालती है। इससे पूरा खर्च काटकर पनडुब्बी इन खनन माफियाओं को दो लाख रुपए प्रतिदिन कमाकर देती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन एक भी अवैध पनडुब्बी को नष्ट नहीं करा पाया है।
रेत खनन के लिए ऐसे तैयार होती है पनडुब्बी-
– खनन के लिए 6 लाख रुपए की लागत से पनडुब्बी तैयार हो जाती है।
– 6 पिस्टन वाले ट्रक का इंजन इस्तेमाल कर पनडुब्बी तैयार की जाती है।
– रेत खींचने नदी तल में 60-70 फिट प्लास्टिक पाइप लगाया जाता है।
– रेत को किनारे तक फैंकने लोहे के 150 से 200 फिट पाइप लगते हैं।
– नदी के तल से रेत खींचने के लिए इंजन में हैवी पंखा लगाया जाता है।
– लोहे की वोट में इस पनडुब्बी को सेट करबीच नदी में रखा जाता है।
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