scriptशाढ़ौरा गांव में ग्रामीणों ने तीन घंटे तक रेल पटरियों पर बैठकर की नारेबाजी | In the village of Sadhaura, the villagers sit for three hours on the r | Patrika News

शाढ़ौरा गांव में ग्रामीणों ने तीन घंटे तक रेल पटरियों पर बैठकर की नारेबाजी

locationअशोकनगरPublished: Sep 07, 2018 02:08:36 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में जिलेभर के सभी बाजार बंद रहे।

band

Shadhaura Thousands of people gathered on the railway track

अशोकनगर. एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में जिलेभर के सभी बाजार बंद रहे। इससे लोग सब्जी, दूध, चाय और पान के लिए भी दिनभर तरसते रहे।

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में ज्यादा नाराजगी दिखी, जो बंद के समर्थन में तीन घंटे तक रेलवे ट्रैक पर बैठे रहे और जमकर नारेबाजी की, इससे तीन घंटे तक ट्रेक पर रेल यातायात ठप रहा। साथ ही पुलिस और ग्रामीणों के बीच तनाव की स्थिति भी बनी रही।
बंद से जिलेभर में करीब 40 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होना बताया जा रहा है। गुरुवार को आसपास के 30 गांवों के करीब तीन हजार ग्रामीण बंद के समर्थन में शाढ़ौरा रेलवे स्टेशन पहुंचे और सुबह 11:15 बजे रेल पटरियों पर बैठ गए। उन्होंने हाथों में पोस्टर लेकर भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जानकारी मिलते ही रेलवे ने ट्रेनों को एक स्टेशन पहले ही रोक दिया। डेढ़ बजे एडीशनल एसपी सुनीलकुमार शिवहरे करीब 150 पुलिस जवानों के साथ मौके पर पहुंचे।

जहां उन्होंने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को समझाया, लेकिन वह नहीं माने, तो गुना से पुलिस बल बुलाया गया। इससे गुना से करीब 50 पुलिस जवान मौके पर पहुंचे।
ट्रैक से हटाने के प्रयास में पुलिस से ग्रामीणों की कई बार झड़प भी हुई। लेकिन जब ग्रामीण वहां से हटने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने अश्रुगैस के गोले छोडऩे और सख्ती दिखाने की तैयारी कर ली, इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने भी रेलवे ट्रैक से गिट्टी-पत्थर हाथों में उठा लिए। बाद में पुलिस को नरम होना पड़ा। अपर कलेक्टर अनुज रोहतगी भी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने तीन बार अनाउंसमेंट कराकर लोगों को रेलवे ट्रैक से हटने के लिए कहा, लेकिन बारिश के बावजूद भी ग्रामीण वहां से नहीं हटे। बाद में अधिकारियों और आसपास के गणमान्य व्यक्तियों की समझाईश पर वह मानें, उन्हें पुलिस प्रशासन ने अपने और अधिकारियों के वाहनों से उनके गांवों तक भिजवाया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में ट्रेन को निकाला गया।
घंटों रुकी रहीं ट्रेनें, यात्री हुए परेशान
पटरियों पर ग्रामीणों के हंगामे की वजह से रेलवे ने ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी एक्सप्रेस और अहमदाबाद-दरभंगा एक्सपे्रस को पीलीघटा स्टेशन और बीना-कोटा पैसेंजर को अशोकनगर स्टेशन पर रोक दिया। यह ट्रेनें करीब साढ़े तीन घंटे की देरी से चलीं। वहीं बीना-कोटा पैसेंजर और ग्वालियर-बीना पैसेंजर को गुना स्टेशन पर रोक दिया गया।
बीना-ग्वालियर पैसेंजर को एक घंटे तक मुंगावली और एक घंटे गुन्हेरू-बामोरी स्टेशन पर रोका गया। इससे यह ट्रेनें देरी से चलीं। इसके अलावा गुना की तरफ जाने वाली साबरमती भी करीब साढ़े सात घंटे की देरी से अशोकनगर पहुंची। इससे यात्रियों को छोटी स्टेशनों पर ट्रेनों में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पांच हजार लोगों ने शहर में निकाली रैली
गुरुवार को सुबह से ही शहर में सभी दुकानें शाम तक बंद रहीं, तो वहीं पेट्रोल पंप बंद होने से लोगों को पेट्रोल-डीजल भी नहीं मिल सका। इसके अलावा निजी स्कूल भी बंद रहे और सरकारी स्कूलों में भी इक्का-दुक्का छात्र ही पहुंचे और ऑफिसों में भी सन्नाटा छाया रहा।
इसके अलावा जिलेभर में यात्री बसें भी बंद रहीं। इससे जिलेभर में एक दिन में 40 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित रहा। वहीं धारा 144 लागू रहने के बावजूद भी दोपहर के समय करीब पांच हजार लोगों ने शहर में रैली निकाली।
जो शहर के एक साथ नारेबाजी करते शहर के सभी प्रमुख मार्गों से होकर निकले। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। बाद में एससी-एसटी एक्ट में हुए संसोधन के विरोध में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
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