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गुड़ मंडी का मामला: गुड़ की शासकीय मंडी न होने से किसान परेशान, व्यापारियों पर लगाए आरोप

locationअशोकनगरPublished: Feb 06, 2022 09:50:36 pm

Submitted by:

Arvind jain

किसान बोले व्यापारी लगाते हैं गुड़ की मनमानी कीमत, तो नहीं मिल पा रही जिले में सही रेट।

गुड़ मंडी

एक प्रतिशत आढ़त व आधा किलो ज्यादा तौल, 6 किमी दूर गोदाम पहुंचाने की मजबूरी,एक प्रतिशत आढ़त व आधा किलो ज्यादा तौल, 6 किमी दूर गोदाम पहुंचाने की मजबूरी,एक प्रतिशत आढ़त व आधा किलो ज्यादा तौल, 6 किमी दूर गोदाम पहुंचाने की मजबूरी


अशोकनगर. गन्ना फैक्ट्री बंद हो जाने से गन्ना किसान गुड़ बनाने मजबूर हैं, लेकिन शासकीय मंडी न होने से किसान मनमानी का शिकार हैं। शासकीय जगह पर लगने वाली निजी मंडी में जहां किसानों से एक प्रतिशत आढ़त चार्ज वसूला जाता है तो वहीं हर क्विंटल पर आधा किलो ज्यादा गुड़ लिया जाता है और रेट भी मनमानी लगाई जाती है। इसके बाद भी किसानों को वह गुड़ छह किमी दूर स्थित गोदामों तक पहुंचाने मजबूर किया जाता है।
यह मामला है 30 से 35 साल से संचालित शहर की गुड़ मंडी का। जहां रोज 50 से 60 ट्राली गुड़ बिकने आता है, लेकिन बेचने की कोई दूसरी व्यवस्था न होने से व्यापारी मनमाने दाम पर उनसे गुड़ खरीदते हैं। साथ ही विभिन्न तरहों से परेशान करने का भी आरोप लगाया है और कहा है कि यदि किसान कुछ कहता है तो जानबूझकर उसका गुड़ कम कीमत में खरीदा जाता है, लेकिन शासकीय मंडी न होने से किसानों को मजबूरी में यह गुड़ सस्ते दामों पर बेचना पड़ता है। इसकी शिकायत उन्होंने मंडी बोर्ड को भी की है और समस्याओं पर गंभीरता दिखाने की मांग मंडी बोर्ड से किसानों ने की है।
बाहर के व्यापारियों को नहीं होने देते हैं शामिल-
किसानों का कहना है कि इस निजी मंडी में सिर्फ दो-तीन व्यापारी ही गुड़ खरीदते हैं, यदि कोई अन्य व्यापारी या बाहर का व्यापारी गुड़ खरीदने के लिए आता है तो उसे यह कहकर किसानों से गुड़ नहीं खरीदने देते हैं कि यह मंडी शासकीय नहीं निजी है। इससे किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उनकी समस्या पर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं और न हीं प्रशासन, इससे वह निजी मंडी में लूट का शिकार होने के लिए मजबूर हैं।
गन्ना फैक्ट्री बंद, किसानों का करोड़ों रुपए का बकाया भी डूबा-
जिले के किसान गुना जिले के नारायणपुर स्थित गन्ना फैक्ट्री में अपना गन्ना बेचते थे, लेकिन करीब तीन साल से नारायणपुर शक्कर फैक्ट्री बंद है। किसानों का कहना है कि फैक्ट्री पर जिले के किसानों का गन्ना का करीब दो करोड़ रुपए भुगतान कई साल से बकाया है और अब फैक्ट्री बंद हो जाने से बकाया राशि डूबती नजर आ रही है। इसकी कई बार प्रशासन से शिकायतें की, लेकिन बकाया राशि का भुगतान कराने पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
किसानों ने यह की गुड़ मंडी की शिकायत-
– किसानों से आड़त की राशि ली जाती है और प्रति क्विंटल पर 500 ग्राम कटती काटी जाती है, गुड़ मंडी बीच शहर में है जहां जाने में ट्रेफिक समस्या रहती है।
– गुड़ की बोली लगने के बाद किसानों को शहर से तीन से छह किमी दूर स्थित व्यापारियों की गोदामों तक गुड़ पहुंचाने के लिए मजबूर किया जाता है।
– यदि कोई किसान कुछ कहता है तो उस किसान के गुड़ की रेट जानबूझकर कम लगाई जाती है और हर बार उसका नाम याद रखा जाता है।
– ट्राली में से कुछ माल की छंटती कर दी जाती है और ट्राली में जो पांच से आठ क्विंटल माल होता है, उसकी मनमानी रेट लगाई जाती है।
– यदि कभी सुधार की बात कोई कहता है तो व्यापारियों द्वारा कहा जाता है कि आपका माल खरीद रहे हैं, वरना कोई नहीं खरीदेगा।
किसानों ने यह बताए हालात-
स्पीक आउट-
शक्कर फैक्ट्री पर डेढ़ लाख बकाया था, जिसमें से 70 हजार रुपए अभी भी बकाया है। 20 साल से गन्ना की खेती कर रहे हैं, बेचने की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए गुड़ बनाकर बेच रहे हैं। शासकीय मंडी न होने से सही रेट नहीं मिलती।
अर्जुनसिंह सिख, किसान बलदाई
शक्कर फैक्ट्री पर अभी हमारा 60 हजार रुपए कई साल से बकाया है, फोन लगाते हैं तो कहते हैं फैक्ट्री बंद है। 25 बीघा में गन्ना है, अब तक 150 क्विंटल गुड़ बनाकर बेच चुके हैं, 2600 से 2800 रुपए क्विंटल ही बिका। बेचने दूसरा विकल्प नहीं है।
चरणसिंह, किसान सिरसी
सुभाषगंज में गुड़ की प्राइवेट मंडी लगती है, दो-तीन व्यापारी ही खरीदी करते हैं और मनमानी रेट लगाई जाती है। 28 बीघा में गन्ना है जिसका गुड़ बना रहे हैं, प्रशासन से मांग है कि मंडी की व्यवस्था की जाए।
जसदेवसिंह, किसान बरखेड़ा

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