पानी पिलाने के लिए पर्याप्त नहीं
उल्लेखनीय हैकि जलावर्धन योजना के प्लान में वर्ष 2048 में शाढ़ौरा की जनसंख्या महज 11 हजार 275 मानी गईहै। जबकि जनगणना 2011 के अनुसार शाढ़ौरा की जनसंख्या 10 हजार 6 21 है। 2011 के बाद से अब तक जनसंख्या बढ़कर 12 हजार से अधिक हो गई होगी। यानी भविष्य को देखते हुए बनाई गई यह योजना वर्तमान जनसंख्या को ही पानी पिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है।तो फिर 19 साल बाद की जनसंख्या को पानी कैसे उपलब्ध हो सकेगा।
पानी की किल्लत होने लगेगी
यह आंकड़े कहां से लिए गए और आंकड़े लेते समय सेन्सस को क्यों नहीं देखा गया, यह एक बड़ा सवाल है। यदि इस जनसंख्या को लेकर जलावर्धन योजना पर काम होता हैतो दो-तीन सालों में ही नगर में पानी की किल्लत होने लगेगी और लोगों को प्रतिदिन पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा।
पानी नहीं मिल सकेगा
कार्ययोजना में गलत आंकड़ों पर जिम्मेदार अधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों द्वारा समय रहते ध्यान नहीं दिया गया। अभी भी यदि इस पर ध्यान नहीं दिया तो सरकार की 21 करोड़ रुपए की योजना किसी काम की नहीं रहेगी। इतनी राशि खर्च होने के बाद नगर वासियों को पानी नहीं मिल सकेगा।
एक टंकी की कम, जगह भी गलत
योजना में टीन टंकियों का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन अब सिर्फ दो ही टंकियां बनाई जाएंगी। निर्माण एजेंसी के इंजीनियर राहुल तिवारी एक टंकी ईदगाह के पास और दूसरी हनुमान टेकरी पर बनेगी। ईदगाह के पास वाली टंकी ढलान में होने से इससे गांधीनगर और रेलवे लाइन की दूसरी तरफ पानी सप्लाई होगा। वहीं दूसरी टंकी शाढ़ौरा नगर सहित पिपरोल के घरों में पानी पहुंचाएगी। इसी एक टंकी से 8 0 प्रतिशत घरों में पानी में पहुंचाया जाएगा। जिससे पर अधिक भार रहेगा। लोगों का कहना हैकि यदि ईदगाह वाली टंकी कृषि उपज मंडी के पास वाली पहाड़ी पर बनाई जाती तो उसका लाभ शहर के अन्य वार्डों में भी मिल पाता।
सप्ताह में एक दिन मिल रहा है पानी
नगरवासियों को वर्तमान में सात दिन में एक दिन पानी मिल रहा है।केवल एक पानी की टंकी है और क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इसको भी पूरा नहीं भरा जाता।जिसके कारण लोग पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं।यह टंकी 1977 में बनवाईगईथी, जो अब कंडम हो चुकी हैऔर कभी भी गिर सकती है। पीएचईने भी इसका उपयोग करने के लिए मना किया है।इसके बावजूद टंकी का उपयोग किया जा रहा है।
योजना के बारे में
-दो साल पहले मिली थी योजना को स्वीकृति
-गुजरात की जयंती सुपर कंस्ट्रक्शन प्रालि एवं पीसी स्नेहिल कंस्ट्रक्शन प्रालि द्वारा किया जा रहा हैनिर्माण
-2048 तक की जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनी हैयोजना
-योजना में 2016 में 76 24, 2018 में 78 52, 2033 में 956 3 और 2048 में 11275 मानी गईहै जनसंख्या
जलावर्धन योजना के तहत निर्माण कार्य एमपीयूडीसी द्वारा करवाया जा रहा है।इसकी डीपीआर भी हमारे पास नहीं है।हाल ही ठेकेदार को नोटिस जारी कर डीपीआर की कॉपी मांगी है।उसे देखकर नगर के हित में जो भी आवश्यक कार्रवाई है, की जाएगी।
राजेश शर्मा, सीएमओ नगर परिषद शाढ़ौरा