अशोकनगर

मंडी में जाम की समस्या: खरीदी केंद्रों पर लगी किसानों की भीड़, टोकन दिए

समर्थन मूल्य खरीद: जिले में अब तक ढाई लाख क्विंटल गेहूं की हो चुकी खरीद, 1.82 लाख हुआ जमा

अशोकनगरApr 24, 2019 / 09:37 pm

Manoj vishwakarma

मंडी में जाम की समस्या: खरीदी केंद्रों पर लगी किसानों की भीड़, टोकन दिए

अशोकनगर. मंडी में जाम की समस्या के साथ अनाज बेचने में दो से तीन दिन लग रहे हैं, इससे अब सरकारी खरीदी केंद्रों पर किसानों की संख्या बढऩे लगी है। शहर के खरीदी केंद्रों पर भारी संख्या में गेहूं लेकर किसान पहुंचे, तो खरीदी केंद्रों पर भी जगह की कमी परेशानी बन गई। इससे केंद्रों के बाहर किसानों के गेहूं से भरे वाहनों की लंबी लाइनें लग गई, तो कचनार खरीदी केंद्र ने किसानों को टोकन बांटकर गेहूं की तौल कराई। वहीं अन्य केंद्रों पर भी यही स्थिति रही।
 

समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए जिले में 48 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, बाद में एक और नया खरीदी केंद्र चालू कर दिया गया। समर्थन मूल्य पर जिले में अब तक दो लाख 42 हजार 511 क्विंटल गेहंू की खरीदी हो चुकी है और इसमें से अब तक एक लाख 82 हजार 113 क्विंटल गेहूं वेयर हाउसों में जमा हो चुका है। पत्रिका ने बुधवार को शहर के खरीदी केंद्रों की पड़ताल की, तो केंद्रों पर भारी संख्या में किसान गेहूं से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे। बुधवार को डेढ़ बजे अशोकनगर खरीदी केंद्र पर करीब दो दर्जन ट्रैक्टर-ट्राली तौल के इंतजार में खड़े थे, वहीं कचनार खरीदी केंद्र पर आधा सैंकड़ा से अधिक ट्रैक्टर-ट्राली खड़े हुए थे। जहां किसानों की भीड़ को देखकर किसानों को केंद्र द्वारा टोकन वितरित किए गए और टोकन के आधार पर ही खरीदी केंद्र में तौल के लिए अंदर प्रवेश कराया जा रहा था।वहीं तूमैन खरीदी केंद्र के पास भी गेहूं से भरे वाहनों की सड़क पर लंबी लाइन लगी हुई दिखी। किसानों के मुताबिक मंडी में जहां बेचने में ती दो से तीन लगते हैं, तो वहीं जाम की वजह से कई बार दिनभर मंडी में घुसने के इंतजार में ही सड़कों पर खड़ा रहना पड़ता है। इससे वह समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेचने के लिए पहुंचने लगे हैं।
1878 किसानों का बिका अब तक गेहूं

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए जहां इस बार पिछले साल से ढ़ाई गुना ज्यादा संख्या में किसानों ने पंजीयन कराया है, तो वहीं खरीदी की धीमी रफ्तार किसानों की परेशानी बनी हुई है। तीन अप्रैल से जिले में खरीदी शुरू हुई और अब तक 20 दिन में सिर्फ 1878 किसानों का ही गेहूं बिक सका। यदि इसी रफ्तार से खरीदी चली तो निर्धारित तारीख तक 15 फीसदी पंजीकृत किसानों का भी गेहूं नहीं बिक पाएगा। किसानों के मुताबिक विभाग को खरीदी केंद्रों पर तौल कांटों और हम्मालों की संख्या बढ़ाना चाहिए।
गेहूं खुले कैप में रखने की योजना

पंजीकृत किसानों की संख्या को देखते हुए जिले में इस बार भंडारण के लिए जगह की कमी को देखते हुए इस बार 90 हजार मीट्रिक टन गेहूं खुले कैप में रखने की योजना है। नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक आरएस सोलंकी के मुताबिक जिले की सभी गोदामों में 60 हजार मीट्रिक टन अनाज रखने की ही जगह खाली है। इससे 90 हजार मीट्रिक टन क्षमता के कैप बनवाए जा रहे हैं।
ईसागढ़ में 60 हजार मीट्रिक टन क्षमता के पुराने कैप की मरम्मत कराई जा रही है, वहीं अशोकनगर में भी मोहरी पठार पर 30 हजार मीट्रिक टन क्षमता का कैप तैयार होना है। ताकि गोदामें फुल हो जाने के बाद खरीदे हुए अनाज को यहां पर रखा जा सके। वहीं मुंगावली तहसील के बेलई गांव में भी 30 हजार मीट्रिक टन क्षमता के कैप बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है।ताकि भंडारण के लिए जगह की कमी परेशानी न बन सके।

Home / Ashoknagar / मंडी में जाम की समस्या: खरीदी केंद्रों पर लगी किसानों की भीड़, टोकन दिए

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.