यह रहे मुख्य मुद्दे-
– पेयजल: पेयजल की समस्या गंभीर है, गर्मी के मौसम में जहां जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दो किमी दूर से पानी की व्यवस्था होती है, तो वहीं अशोकनगर शहर में भी पेयजल गंभीर समस्या बन जाता है। लेकिन समस्या निपटाने भविष्य की योजनाओं पर किसी का ध्यान नहीं है।
– शिक्षा: शहर के पॉलीटेक्निक कॉलेज को इंजीनियरिंग कॉलेज बनाया जाए। एक कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल हैं, जिसमें 900 छात्राएं है। एक और कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल और कन्या कॉलेज की जरूरत है। ताकि छात्राओं की समस्या खत्म हो सके।
– स्वास्थ्य: जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में न तो व्यवस्थाएं हैं और न हीं मशीनें, इससे घायलों को अन्य जगहों के लिए रैफर किया जाता है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है और जिलेवासी इलाज के लिए अन्य जिलों पर निर्भर हैं।
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रोजगार: बेरोजगारी गंभीर समस्या है, कोई भी उद्योग स्थापित करने का कोई प्रयास नहीं हुआ और न हीं लघु उद्योगों पर ध्यान दिया जाता है। लोग खुद भी अपने छोटे उद्योग स्थापित करते हैं तो कोई प्रशिक्षण आदि नहीं मिल पाता है।
– कृषि: जिला खेली प्रधान है, लेकिन सिंचाई क्षमता बढ़ाने पर ध्यान नहीं है और न हीं खेती में कोई नए बदलाव नहीं सिखाए गए। किसान संपन्न होगा, तभी जिला संपन्न होगा। क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग लगाने की आवश्यकता है।
– उद्योग: छोटे उद्योगों के लिए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की चर्चाएं 12 साल से चल रही हैं, लेकिन अब तक सिर्फ चर्चाएं ही चल रही हैं और धरातल पर कुछ भी नहीं है।
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प्रशिक्षण: जिले में डाईट खुलना चाहिए, डाईट गुना जिले के बजरंगगढ़ में है। इसलिए शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, इस समस्या पर गंभीरता दिखाना चाहिए।
बैठक में रह रहे शामिल-
जनएजेंडा की बैठक में अशोकनगर में सुनील अग्रवाल, रचना नायक, डॉ.बकुलरानी त्रिपाठी, सुषमा शर्मा, ज्ञानेश्वरी सक्सेना, बवीता रघुवंशी, नैना शर्मा, सुधा शर्मा, पंकज श्रीवास्तव, हेमराज नामदेव, सोनू जैन, महेश त्यागी, विजय धुर्रा, विपिन सिंघई, नितिन यादव, दिनेश जैन, विक्रमसिंह, गणेश सोनी, दीपक रघुवंशी सहित अन्य शहरवासियों ने अपने विचार रखे।