मामला मप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से हुई राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा का है। शहर में चार केंद्रों पर यह परीक्षा हुई। जिसमें 2156 परीक्षार्थियों को शामिल होना था, लेकिन पहले प्रश्न पत्र में 526 अनुपस्थित रहे और 1630 ने ही परीक्षा दी। वहीं पहला पेपर अच्छा न होने से 11 परीक्षार्थी दूसरे प्रश्न पत्र में शामिल नहीं हुए। वहीं केंद्रों के बाहर सख्ती से जांच की गई थी, परीक्षार्थियों के सामान को बाहर ही निकलवाकर पॉलीथिन में रखवा दिया गया, जहां कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। इन पॉलिथिन पर नंबर दर्ज कर परीक्षार्थी को उसके सामान की पॉलीथिन का नंबर दिया गया था।
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शारीरिक असमर्थता तो साथी ने लिखे जवाब
उप्र के ललितपुर की ऋतु द्विवेदी भी इस परीक्षा में शामिल हुईं। हल्की पैरालिसिस की समस्या होने के कारण शारीरिक असमर्थता के चलते साथी से प्रश्नपत्र के जवाब लिखवाने की अनुमति दी। इस दौरान ऋतु द्विवेदी ने प्रश्नों के जवाब दिए और उन्हें उनके साथी ने आंसरशीट पर दर्ज किया। इस दौरान उनके पास कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। वहीं शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बने परीक्षा केंद्र मेंं पंखा बंद रहने से परीक्षार्थियों को उमस के बीच परीक्षा देना पड़ी।