एफओबी के नीचे खस्ता हाल पड़ी सड़क को बनाने में अभी भी कई अड़चने हैं। यहां मकानों व दुकानों के आगे निकले छज्जे, सीढियां य़ां आदि को तोडऩा पड़ेगा। लेकिन नपा सीएमओ इस संबंध में कार्रवाई करने की मूड में नहीं है।
अशोकनगर. एफओबी के नीचे खस्ता हाल पड़ी सड़क को बनाने में अभी भी कई अड़चने हैं। यहां मकानों व दुकानों के आगे निकले छज्जे, सीढियां आदि को तोडऩा पड़ेगा। लेकिन नपा सीएमओ इस संबंध में कार्रवाई करने की मूड में नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सेतु संभाग विभाग के एसडीओ एसएन शर्मा एप्रोच रोड निर्माण के लिए निरीक्षण करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने नपा सीएमओ पीके सिंह व विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री प्रशांत यादव को भी बुलाया। उन्होंने रोड की सीमा में आ रहे मकानों व दुकानों की जानकारी सीएमओ को दी। लेकिन जब पत्रिका ने सीएमओ से इस संबंध में बात की तो उन्होंने साफ शब्दों का कि वे निरीक्षण में नहीं गए थे। वहां से निकल रहे थे तो मिल गए। सीएमओ ने कहा कि हमें न कुछ बनाना है और न तोडऩा है।
ये सारा काम उन्हीं का है। वे हमें लिखकर दें कौन से मकान व दुकानें आ रही हैं और हम लिखकर भी नहीं लेंगे। वे कलेक्टर को दें। एसडीओ एसएन शर्मा ने बताया कि नपा सीएमओ को जानकारी दे दी गई है। दोनों ओर 3.75-3.75 मीटर की जगह चाहिए। इस सीमा में जो हिस्सा आएगा उसे तोडऩा पड़ेगा। इस दौरान नपा आरआई शमशाद पठान भी उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान सड़क की चौड़ाई नापी गई। इसमें कुछ मकानों के छज्जे व सीढिय़ां व दीवारें आ रही थीं। ऊपर जहां ब्रिज की ऊंचाई ज्यादा है, वहां मकान टूटने से बच सकते हैं। लेकिन नीचे सड़क की सीमा में आने वाले मकानों को तोडऩे की कार्रवाई प्रशासन कर सकता है।
हटाए जाएंगे खंभे
एसडीओ ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी को खंबों की जानकारी भी दे दी गई है। जिन्हें हटाने का विद्युत विभाग एस्टीमेट बनाकर दे रहा है। उपयंत्री प्रशांत यादव ने बताया कि करीब 9 खंबे चिंहित किए हैं। जिनसे रास्ता अवरुद्ध हो रहा है। इसमें से पांच पोल पीछे किए जा सकते हैं। बाकी पोल हटाने पड़ेंगे। इसके साथ डीपी भी दूसरी जगह शिफ्ट की जाएंगी।
सांसद ने किया ब्रिज का निरीक्षण
सांसद सिंधिया भी ब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके साथ कलेक्टर बाबूसिंह जामोद भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान ब्रिज के ऊपर गिट्टी निकली देख सांसद ने नाराजगी जताई और एसडीओ व कलेक्टर को इसे दुरुस्त करवाने के निर्देश दिए। साथ ही ब्रिज पर भारी वाहनों को रोकने की भी सख्त हिदायत दी।
बैठक में उठाया था मुद्दा
जिला विकास समन्वय व निगरानी समिति की बैठक में सांसद प्रतिनिधि डा. केपी यादव ने एप्रोच रोड का मुद्दा उठाया था।सड़क पूरी तरह से ऊबड़-खाबड़ होने से हादसों का डर बना है और वाहन एक ही तरफ से निकल पा रहे हैं। जिसके बाद गुरुवार को रोड निर्माण में आ रही परेशानियों को देखने के लिए निरीक्षण किया गया। विभाग ने एक माह में रोड बनाने का आश्वासन दिया है।
ये काम होना है
एप्रोच रोड के अलावा अभी तक ब्रिज में सीढिय़ों का निर्माण भी नहीं किया गया है। जिसके कारण पैदल लोग बीच में उतर नहीं पा रहे हैं। ब्रिज पर अभी तक बिजली के खंबे भी नहीं लगे हैं। जिसके कारण रात में यहां अंधेरा पसरा रहता है। ब्रिज से भारी वाहनों का निकलना भी लगातार जारी है, इन पर रोक के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यता है।