कमलनाथ के भाषण के मुख्य बिंदु
– कमलनाथ बोले मैं महाराजा नहीं और कोई मेरा गुलाम नहीं है, मैं मामा नहीं हूं और जेब में नारियल नहीं रखता, घोषणाएं नहीं करता और झूठ नहीं बोलता और न ही चाय बेचता हूं। कमलनाथ हूं छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा हनुमान मंदिर बनाया है।
– लोकसभा चुनाव में हुई सिंधिया की हार पर जनता से कमलनाथ ने कहा कि आपने लोकसभा चुनाव में जो संदेश प्रदेश व देश को दिया कि हम आजाद हैं, आपने सही पहचान कर ली थी।
– 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी, मप्र की जनता ने तय किया था कि बहुत हो गया शिवराजजी अब हम कांग्रेस की सरकार चाहते हैं, हमने वोटों से सरकार बनाई थी नोटों से नहीं। ऐसा प्रदेश हमें सौंपा था जो किसान आत्महत्या में नंबर वन, बेरोजगारी, महिला अत्याचार और भृष्टाचारी में नंबर वन। कौन सी चुनौतियां हमारे सामने नहीं थी। मुझे ताज्जुब होता है कि इस क्षेत्र में कृषि महाविद्यालय भी नहीं है।
– 15 साल किसानों पर अत्याचार होता रहा और भाजपा व शिवराजसिंह बोलते रहे किसान का बेटा हूं, कैसे किसान के बेटे हो? किसानों का कर्जामाफ किया तो शिवराजजी को रास नहीं आया, वह झूठ बोलते रहेंगे कि सभी किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ। हां मैं कहता हूं कि सभी किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ और करूंगा भी नहीं, गरीब किसानों का ही कर्जा माफ करूंगा।
– आज का नौजवान ठेका नहीं चाहता है, रोजगार चाहता है व्यवसाय चाहता है। कैसे मप्र बनेगा हमारा, नौजवानों का भविष्य अंधेरे में रहे तो सबसे बड़ी चुनौती है। नौजवानों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहे, कैसे निवेश आए। 15 साल में जितने उद्योग लगते नहीं थे, उतने बंद हो जाते थे, किसी को प्रदेश पर विश्वास नहीं था, मैंने शुरुआत की कि विश्वास बने, माफियाओं के खिलाफ मैंने युद्ध शुरु किया।
– 15 साल सरकार रही, शिवराज को झूठ बोलते-बोलते पूरे प्रदेश ने देखा है, जहां बिना शिक्षक के स्कूल, बिना डॉक्टर की अस्पताल और किसान बिना दाम के, नौजवान बिना काम के, इसीलिए प्रदेश की जनता ने 15 साल बाद उन्हें घर बिठाया था।
– 40 साल पहले आया था जवानी में, जवानी चली नहीं गई, अभी भी है, देखता हूं क्या विकास हुआ। कितने कन्या महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय व यूनिवर्सिटी बनीं। किस तरह गुलाम रहे, आगे आने वाली पीढ़ी गुलामी में नहीं काटेगी। लंबी बात करेंगे और कहेंगे हिसाब दो, शिवराजजी 15 साल का हिसाब आप दो और 15 महीने का हिसाब देने मैं तैयार हूं।
– कमलनाथ ने कहा शिवराजजी हिसाब दीजिए इन नौजवानों के भविष्य का, किसानों के भविष्य का। 15 साल की लूट की व्यवस्था जो आपने बनाई थी और मैं उसे सुधारने की कोशिश कर रहा था। शिवराजजी 15 साल का हिसाब दीजिए कितने नारियल फोड़े और कितनी घोषणाएं कीं, कहता हूं तो पेट में दर्द हो जाता है। क्या घोषणाओं से विकास होगा? यह आसान राजनीति है कुछ भी कह दो, जनता को मूर्ख बना दो। कुछ नहीं होता तो राष्ट्रवाद की बात शुरु कर देते हैं, चीन और पाकिस्तान
की बात करने लगते हैं।
– कमलनाथ ने सिंधिया पर हमला करते हुए कहा कि गद्दारी सिर्फ कांग्रेस के साथ नहीं हुई है बल्कि पूरी अशोकनगर की जनता के साथ हुई है। सिंधिया के दो साल पहले के भाषण देखिए, मंच से कहते थे कि शिवराजजी आपके हाथों पर किसानों का खून है, भूल गए क्या। शिवराजजी क्या कहते थे कि सिंधियाजी आपके परिवार ने तो झांसी की रानी से गद्दारी की है। दो साल पहले एक-दूसरे की आलोचना करते थे, इन्हें सबक सिखाना होगा।