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रंगपंचमी मेले को 48 दिन शेष, उखड़े पड़ेहैं पहुंच मार्ग यदि जल्दी राशि नहीं मिली तो बढ़ जाएगी समस्या

locationअशोकनगरPublished: Feb 03, 2019 10:42:38 am

Submitted by:

Arvind jain

करीला मेला: स्वीकृत सड़कों के निर्माण के लिए राशि का इंतजार, – पेयजल के लिए दो ट्यूबवेल खनन, पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा वाले 3.29 करोड़ के निर्माण कार्य भी शुरू लेकिन पहुंच मार्गों पर नहीं ध्यान। – गड्ढ़ों में तब्दील उखड़ी सड़कें बनेगी मेले के समय लाखों श्रद्धालुओं की परेशानी, फंड दिलाने गंभीर नहीं जिम्मेदार।

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रंगपंचमी मेले को 48 दिन शेष, उखड़े पड़ेहैं पहुंच मार्ग यदि जल्दी राशि नहीं मिली तो बढ़ जाएगी समस्या


अशोकनगर. करीला में लगने वाले तीन दिवसीय रंगपंचमी मेले में को सिर्फ 48 दिन ही शेष बचे हैं, लेकिन पहुंच मार्ग उखड़े हुए पड़े हैं। करीब एक साल पहले से स्वीकृत सड़कों का निर्माण राशि न मिलने के इंतजार में रुका पड़ा है। हालांकि विभाग इनके समतलीकरण का काम कराने की बात तो कह रहा हे, लेकिन यदि जल्दी ही राशि नहीं मिली तो यह उखड़ी हुई सड़कें मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए परेशानी बनेगी। फिर भी इस पर न तो प्रशासन का कोई ध्यान है और न हीं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि गंभीरता दिखा रहे हैं।

मां जानकी मंदिर करीला तक पहुंचने वाली सड़कों को प्रदेश सरकार ने एक साल पहले स्वीकृति दे दी थी, साथ ही इनके टेण्डर भी हो चुके हैं। विभाग ने इन जर्जर हो चुकी सड़कों के निर्माण के लिए ठेकेदार से समतलीकरण का काम भी शुरू कराया। लेकिन शासन से राशि न मिलने की वजह से निर्माण कार्य रुके हुए हैं। बंगलाचौराहा-बामोरीशाला सड़क के ज्यादातर हिस्से के डामर को उखाड़ दिया। वहीं वीआईपी रोड पूरी तरह से उखड़ी पड़ी है और इसमें अब नाममात्र का भी डामरीकरण नहीं बचा है। हालत यह है कि छह किमी की इस सड़क पर दोपहिया वाहनों को भी पहुंचने में करीब एक घंटे का समय लगता है। यही स्थिति बंगलाचौराहा-बामोरीशाला मार्ग की है। लेकिन राशि के इंतजार में सड़कों का निर्माण रुका पड़ा है। जबकि मेले के लिए सिर्फ 48 दिन शेष हैं, ऐसे में यदि जल्दी ही राशि नहीं मिली तो सड़कों का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाएगा और श्रद्धालुओं को करीला पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

मेले में आते हैं हजारों वाहन, दुर्घटना की आशंका-
ेतीन दिवसीय करीला मेले में 15 से 20 लाख श्रद्धालु तो पहुंचते हैं, इसके लिए हजारों की संख्या में वाहन आते हैं। सबसे ज्यादा वाहन बंगलाचौराहा-बामोरीशाला मार्ग से निकाले जाते हैं, तो वहीं अथाईखेड़ा-करीला मार्ग से भी बड़ी संख्या में वाहन पहुंचते हैं। इसके अलावा अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के अलावा अन्य लोगों के वाहन वीआईपी मार्ग से निकाले जाते हैं। इससे लगातार तीन दिन तक करीला पहुंचने की तीनों सड़कों पर वाहनों की आवाजाही जारी रहती है और इन सड़कों पर लोगों को पैदल चलने तक के लिए जगह नहीं मिल पाती। लेकिन इस बार उखड़ी हुई इन सड़कों का जल्दी ही निर्माण नहीं हुआ तो मेले के दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
पर्यटन विकास निगम के निर्माण हुए शुरू-
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने एक साल पहले करीला में 4.29 करोड़ रुपए लागत से करीला के विकास की घोषणा की थी। साथ ही राशि स्वीकृत कर निर्माण की जिम्मेदारी पर्यटन विकास निगम को दी थी और निर्माण के टेण्डर भी हो चुके थे। लेकिन लंबे इंतजार के बाद अब 3.29 करोड़ रुपए लागत के निर्माण कार्यों का काम करीला में पर्यटन विकास निगम ने शुरू करा दिया है। हालांकि एक करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सबरी माता मंदिर का निर्माण में वन विभाग का अडंगा है। सबरी माता मंदिर के लिए वन विभाग से जमीन नहीं मिल सकी है, इससे मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो सका है और इसे शुरू होने में लंबा समय लगने की आशंका है। करीला ट्रस्ट के मुताबिक वन विभाग से जमीन मिलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।

करीला में इन कार्यों का शुरू हो चुका है निर्माण-
– लोगों को रुकने के लिए पर्यटन विकास निगम द्वारा शेल्टर होम का निर्माण कराया जा रहा है, इसके लिए फाउंडेशन का काम शुरू करने गड्ढ़े खोदे जाने लगे हैं। साथ ही पार्क विकसित करने के लिए निर्माण शुरू कराने की योजना है।
– मंदिर के सामने रैलिंग में और बाहर रैलिंगों के ऊपर लगे पुराने शीनशेड़ को निकालकर पयर्टन विकास निगम द्वारा नया टीनशेड़ लगाया जाएगा। इसके लिए पुराने टीनशेड़ को निकालने का काम शुरू हो गया है मेले तक नया शेड़ तैयार हो जाएगा।

– पेयजल विहीन क्षेत्र माने जाने वाले करीला में ट्रस्ट ने पहाड़ी पर 700 फिट गहरा और मेला क्षेत्र में 650 फिट गहरे दो ट्यूबवेल खनन कराए हैं, दोनों ही ट्यूबवेल में तीन-तीन इंच पानी निकला है। इससे पेयजल समस्या खत्म हो जाएगी।
– सामान्य दिनों में करीला में पेयजल की व्यवस्था करने के लिए ट्रस्ट ने दो बड़े-बड़े टैंकर तैयार कराए हैं, जिन्हें भरकर हर पूर्णिमा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल की व्यवस्था की जाएगी, साथ ही टंकियों में टोटियों की मरम्मत भी होना है।

– मेले के लिए मंदिर के सामने की पहाड़ी और परिक्रमा मार्ग पर सफाई का काम शुरू हो गया है, ताकि झाडिय़ों और पत्थरों को हटाया जा सके। वहीं परिक्रमा मार्ग का समतलीकरण भी कराया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़ सके।

पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा वाले 3.29 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों को पर्यटन विकास निगम ने शुरू करवा दिया है। पेयजल के लिए ट्रस्ट ने दो ट्यूबवेल खनन भी कराए हैं, इससे अब पेयजल की समस्या नहीं होगी। ट्रस्ट द्वारा की जाने वाली तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
महेंद्रसिंह यादव, अध्यक्ष मां जानकी मंदिर ट्रस्ट करीला

दोनों सड़कों का निर्माण शुरू करा दिया है और निर्माण के लिए फंड की मांग की गई है, जल्दी ही फंड मिलने की संभावना है। यदि समय पर राशि नहीं मिली तो मेले के लिए हम सड़कों को सुधारकर तैयार कर लेंगे।
दिलीप बिगोनिया, ईई पीडब्ल्यूडी विभाग अशोकनगर
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