रंगपंचमी के बाद हर साल करीला में हनुमान जयंती पर भी मेला लगता है और लाखों श्रद्धालु करीला पहुंचकर हनुमानजी के जन्म का उत्सव मनाते हैं। साथ ही मां जानकी की पूजा-अर्चना करते हैं। हर साल आयोजित होने वाले इस मेले की जानकारी होने के बावजूद भी प्रशासन ने इस बार रंगपंचमी मेले के लिए गंभीरता नहीं दिखाई।
नतीजतन अब तक कोई भी तैयारियां नहीं हो सकी हैं। बेरीकेटिंग न हो पाने से वाहन सीधे ही मेले में घुसेंगे और पहाड़ी व मेला क्षेत्र में उजाले की व्यवस्था न होने से श्रद्धालुओं को रात में अंधेरे की समस्या से जूझना पड़ेगा। इसके अलावा पीने के पानी की भी समस्या श्रद्धालुओं के लिए परेशानी बनेगी। वहीं करीला की सड़क पहले से ही उखड़ी हुई पड़ी हैं, जिन पर रोलर न चलने से आवाजाही में भी परेशानी होगी।
एक दिन नहीं पहुंचा कोई तो दूसरे दिन बुलाई बैठक-
हनुमान जयंती मेले की तैयारियों के लिए कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने आठ दिन पहले ही अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी थी, लेकिन आठ दिन में कोई भी करीला नहीं पहुंचा और न हीं तैयारियों का काम शुरू हुआ। तहसीलदार यूसी मेहरा ने मंगलवार को करीला में तैयारियों के लिए बैठक बुलाई तो बैठक में न तो अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे और न हीं ट्रस्ट के कोई पदाधिकारी और सदस्य। इससे तहसीलदार ने बुधवार को फिर से बैठक बुलाकर तुरंत व्यवस्थाएं करने के निर्देश विभागों को दिए।
हम व्यवस्था कर रहे हैं और सभी तैयारियां कर ली जाएंगी। बुधवार को बैठक बुलाकर तैयारियों के लिए निर्देश दिए गए हैं। हर साल की तरह सभी तैयारियां पूर्ण हो जाएंगी और पेयजल के लिए पंचायतों के टैंकर लगाए जाएंगे।
यूसी मेहरा, तहसीलदार मुंगावली व सचिव करीला ट्रस्ट