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kisan karj mafi : बैंक कह रही स्टांप पेपर पर लिखकर लाओं कि नहीं है किसी बैंक में कर्जा

locationअशोकनगरPublished: Jun 28, 2019 04:16:19 pm

Submitted by:

Arvind jain

ऋणमाफी का असर: खाद-बीज के लिए परेशान किसान

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सहकारी बैंक किसानों से मांग रही शपथ पत्र, लिखो किसी भी बैंक में नहीं है कर्जा

अशोकनगर। किसान कर्जमाफी Kisan Karj Mafi की राशि तो अब तक सभी किसानों farmer के खातों farmers’ accounts में पहुंची ही नहीं, लेकिन सहकारी बैंकों co-operative bank से किसानों को खाद-बीज seeds fertilizer के लिए ऋण loans नहीं मिल रहा है। सहकारी बैंक जहां पहले सभी बैंकों के नोड्यूज मांग रही थी तो अब स्टांप stamp पर यह लिखवाया जा रहा है कि किसान पर किसी भी बैंक bank का कर्जा नहीं है। लेकिन अन्य बैंकों का कर्जा होने से यह स्टांप पर झूठा शपथ पत्र लिखने तैयार नहीं है। नतीजतन किसानों को खाद-बीज नहीं मिल पा रहा है।

परेशान किया जा रहा है
गुरुवार को भारतीय किसान संघ ने शहर की जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा पहुंचकर नाराजगी जताई और कहा कि जहां किसानों का कर्जा माफ तो हुआ नहीं, वहीं किसानों को अब शपथ पत्र व घोषणा पत्र के नाम पर परेशान किया जा रहा है।


शपथ पत्र कैसे लिख दें
किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगरामसिंह यादव, जिलाध्यक्ष राजकुमार रघुवंशी और महामंत्री रामकृष्ण रघुवंशी का कहना है कि अन्य बैंक में केसीसी या अन्य ऋण होने के बाद भी वर्षों से किसान सहकारी बैंकों से खाद-बीज ले रहे हैं, लेकिन अब प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को परेशान किया जा रहा है। जब दूसरी बैंकों का कर्जा है तो किसान झूठा शपथ पत्र कैसे लिख दें। यह तो धोखाधड़ी कहलाएगा।

 

किसान संघ ने चेतावनी दी
हालत यह है कि क्षेत्र में जहां सैंकड़ों किसानों को अब तक खाद-बीज मिल जाना था, लेकिन उन 20-25 किसानों को ही खाद-बीज मिला है जो खुद ही अपनी कर्ज राशि जमा करके बैंक शाखा को यह शपथ पत्र दे चुके हैं। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शासन से सात दिन में किसानों की समस्या नहीं सुलझाई तो आंदोलन किया जाएगा।

 

100 करोड़ की जरूरत मिले सिर्फ 28 करोड़-
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के किसानों का कर्जमाफ करने के लिए जहां जरूरत तो जिले करीब 100 करोड़ रुपए की है। लेकिन शासन ने सहकारी बैंकों के 2589 पीए खातों और 5698 एनपीए खातों को ही ऋणमाफी के लिए स्वीकृत किया, योजना में ऋणमाफी के स्वीकृत इन किसानों का ऋण माफ करने के लिए भी 46 करोड़ रुपए चाहिए लेकिन शासन ने सिर्फ 28 करोड़ रुपए ही दिए।

 

जमा कराने के निर्देश दिए हैं
वहीं यह 28 करोड़ रुपए भी सहकारी बैंकों को पूरे अब तक नहीं मिल पाए। इससे बैंक इन किसानों के खातों में आधी राशि ही भेज सकी है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि शेष आधी राशि शासन ने किसानों से जमा कराने के निर्देश दिए हैं।

 

बैंक से निर्देश पर ही पहले नोड्यूज लिए जा रहे थे, अब शपथ पत्र व घोषणा पत्र लिया जा रहा है। यदि किसान पर अन्य बैंक का कर्जा है तो उसे खाद-बीज नहीं दिया जाएगा। ऋणमाफी योजना से पोर्टल पर यह बात उजागर हो गई कि किसानों पर कई बैंकों का कर्जा है। किसान संघ की बात को हमने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया है, जो निर्देश मिलेंगे उसी तरह से खाद-बीज वितरित किया जाएगा।
महावीर जैन, शाखा प्रभारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा अशोकनगर

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