किसानों की समस्याओं भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने सोमवार को पहले तो तहसील में धरना दिया और फिर रैली निकालते हुए करीब दो सैंकड़ा से अधिक किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम दो ज्ञापन दिए। प्रदेश मंत्री जगरामसिंह यादव ने संबोधन में कहा कि हमारे लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ही नागनाथ-सांपनाथ की तरह हैं, हम किसान हैं और किसी पार्टी के नही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्जा माफ तो करेगी, लेकिन कर्जमाफी होने तक किसानों के ओवरड्यू ब्याज लाखों में हो जाएंगे।
प्रदेश सरकार से कहा कि किसान आपके घर नहीं गया था, आपको ही वोट चाहिए थी इसलिए कर्जमाफी की घोषणा की थी। कर्जा माफ नहीं हुआ तो हम भोपाल में डेरा डाल लेंगे। वहीं केंद्र सरकार पर भी किसानों को लाभकारी मूल्य न देने पर नाराजगी जताई।
ज्ञापनों में यह की किसानों ने मांग-
केंद्र सरकार से मांग की कि सम्मान निधि योजना में दो हजार रुपए बीघा के हिसाब से राशि दी जाए और बड़े किसानों को अधिकतम 50 हजार रुपए दिया जाए। किसानों के लिए अलग से बजट दें। खरीफ फसल 2018 का बीमा दिलाया जाए।
प्रदेश से मांग की कि फसल ऋणमाफी योजना के किसानों के खाते में दो लाख तक की राशि शीघ्र डालें, अतिवर्षा से नुकसान पर राहत राशि भी किसानों को जल्दी दें। गेहूं, चना का बोनस और सोयाबीन की भावांतर राशि का शीघ्र भुगतान करें।